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Jammu & Kashmir: में लगभग चार दशक बाद 58 फीसदी से अधिक हुआ है मतदान

Jammu & Kashmir: आतंकवाद से प्रभावित जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्वक चुनाव कराना बड़ी चुनौती रही है. लेकिन बदले हालात में इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया. कश्मीर घाटी में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 30 फीसदी अधिक मतदान हुआ है.

Jammu & Kashmir: आतंकवाद से प्रभावित रहे जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराना और मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करना लगभग चार दशक तक काफी मुश्किल भरा रहा है. लेकिन मौजूदा लोकसभा चुनाव में राज्य के मतदाताओं ने मतदान का नया कीर्तिमान स्थापित किया है. लगभग चार दशक बाद जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर मतदान 58.46 फीसदी रहा है. यह देश के शहरी क्षेत्रों के मुकाबले अधिक है. मतदान प्रतिशत दिखाता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की लोकतंत्र में अटूट आस्था है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह ने कश्मीर घाटी में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए मतदान कर्मियों और सुरक्षाबलों के साथ आम लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के प्रति लोगों के मजबूत भरोसे को दर्शाता है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव के मुकाबले 25 फीसदी अधिक उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. सी-विजिल एप पर लोगों ने आचार संहिता संबंधी कई शिकायतें की है और सुविधा पोर्टल पर 2455 आवेदन रैली के लिए मिले. कश्मीर घाटी में श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग-राजौरी, उधमपुर और जम्मू पांच संसदीय सीटें हैं.

कब कितना रहा मतदान प्रतिशत

जम्मू-कश्मीर में पिछले 8 चुनाव पर गौर करें तो पांच संसदीय सीटों पर वर्ष 1996 में कुल 47.99 फीसदी, वर्ष 1998 में 43.35 फीसदी, वर्ष 1999 में 30.89 फीसदी, वर्ष 2004 में 34.11 फीसदी, वर्ष 2009 में 38.91 फीसदी, वर्ष 2014 में 49.21 फीसदी, वर्ष 2019 में 44.37 फीसदी और इस बार के चुनाव में 58.46 फीसदी मतदान हुआ है. यह पहला चुनाव है जब जम्मू-कश्मीर को दो भाग में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. जम्मू-कश्मीर में तीन संसदीय सीटें घाटी में आती है जो आतंकवाद से सबसे अधिक ग्रस्त रहा है. इन तीन सीटों श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग-राजौरी में 50.86 फीसदी मतदान हुआ, जो वर्ष 2019 के चुनाव में 19.16 फीसदी के मुकाबले 30 फीसदी अधिक है. श्रीनगर में 38.49 फीसदी, बारामुला में 59.1 फीसदी और अनंतनाग-राजौरी में 54.94 फीसदी मतदान हुआ और यह पिछले तीन दशक में सबसे अधिक मतदान है. वहीं उधमपुर में 68.27 फीसदी और जम्मू में 72.22 फीसदी मतदान हुआ. 

कैसे बढ़ा मतदान

बेहतर सुरक्षा के माहौल के बीच चुनाव आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए कई कदम उठाए. चुनाव आयोग ने राहत कैंप में रह रहे लोगों को मतदान की सुविधा मुहैया करायी. साथ ही मतदाताओं को मतदान करने के लिए खेल का आयोजन, नुक्कड़ नाटक, रैली और कई अन्य तरह के आयोजन किए गए. चुनाव आयोग के जागरूकता अभियान का असर मतदान प्रतिशत पर दिखा. हालांकि इस आयोजन का असर 60 साल से अधिक मतदाताओं पर खास नहीं हुआ. अगर आयु वर्ग के हिसाब से मतदान की बात करें बारामुला में 18-39 आयु वर्ग के 56.02 फीसदी, श्रीनगर में 48.57 फीसदी, अनंतनाग-राजौरी में 54.41 फीसदी, उधमपुर में 53.57 फीसदी और जम्मू में 47.66 फीसदी युवाओं ने मतदान किया. वहीं 40-59 आयु वर्ग के लोगों ने बारामूला में 30.85  फीसदी, श्रीनगर में 34.87 फीसदी, अनंतनाग-राजौरी में 31.59 फीसदी, उधमपुर में 32.65 फीसदी और जम्मू में 35.48 फीसदी ने मतदान किया. लेकिन अगर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की बात करें तो बारामुला में 13.13 फीसदी, श्रीनगर में 16.56 फीसदी, अनंतनाग-राजौरी में 14.00 फीसदी, उधमपुर में 13.78 फीसदी और जम्मू में 17.06 फीसदी ने मतदान किया. 

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