24 जून को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक में गुपकार गठबंधन (पीएजीडी) की तरफ से फारूक अब्दुल्ला शामिल हो सकते हैं . वहीं सूत्रों ने बताया कि इस सर्वदलीय बैठक में पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शामिल नहीं होंगी.
पीएजीडी( गुप्कार) जम्मू-कश्मीर के कुछ दलों का गठबंधन है, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी शामिल हैं, जो केंद्र सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के फैसलों के बाद बनाया गया था. इस सर्वदलीय बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर के 14 राजनीतिक दलों को न्यौता भेजा गया है. दिल्ली में 24 जून को सर्वदलीय बैठक होनी है. इस बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू कश्मीर के 14 राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है.
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यह बैठक जम्मू कश्मीर के लिए बेहद अहम बतायी जा रही है. इस बैठक के बाद जम्मू कश्मीर में विश्वास बढ़ेगा. मोदी सरकार के इस फैसले को चुनावी रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. इस बैठक में जम्मू कश्मीर के विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा होगी जिसमें एक यह भी है कि क्या जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार बन सकती है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 14 प्रमुख राजनीतिक नेताओं के साथ पीएम मोदी की इस बैठक की रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस बैठक पर सभी की नजर है क्या दोबारा जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा ?
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अब इस बैठक में कौन – कौन नेता शामिल होंगे उसे लेकर चर्चा तेज है. पीडीपी बैठक में शामिल होगी या नहीं इसे लेकर महबूबा मुफ्ती को फैसला लेना है पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी है. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने अपने गुप्कर आवास पर पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श किया है चर्चा है कि वो इस बैठक में शामिल हो सकते हैं लेकिन अभी बैठकों का दौर जारी है.
सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को श्रीनगर में अपने सदस्यों की एक बैठक बुलाई है. पीएजीडी के घटक दल मंगलवार को मिलने वाले हैं. दूसरी तरफ सीपीएम के एमवाई तारिगामी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एक पार्टी के रूप में, सीपीएम ने केंद्र के साथ बातचीत के लिए कभी दरवाजे बंद नहीं किये हैं हम पीएजीडी का हिस्सा हैं, इसलिए हम मंगलवार की बैठक के बाद अपने फैसले का ऐलान कर देंगे. मोदी सरकार जम्मू कश्मीर की सभी प्रमुख पार्टियों को एक साथ बातचीत के लिए न्यौता दे रही है यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
एक सरकारी अधिकारी ने इस संबंध में यह भी जानकारी दी है कि संभव है कि सरकार विधानसभा चुनाव पर फैसला लेगी . जिला विकास परिषदों (डीडीसी) की स्थापना के बाद, विधानसभा चुनाव अगला तार्किक कदम होना चाहिए. यह पहले किया जा सकता था.
इस बैठक को लेकर केंद्र रणनीति तैयार कर रहा है. रविवार को भी सर्वदलीय बैठक को लेकर लंबी चर्चा हुई इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल मौजूद थे.
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कांग्रेस भी इस बैठक से उम्मीद जता रही है कि जम्मू कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने याद दिलाया कि अगस्त 2019 को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी ने स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की थी.