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Jammu Kashmir: श्रीनगर के ईदगाह क्षेत्र में टारगेट किलिंग के लिए आया टीआरएफ आतंकी गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित ईदगाह क्षेत्र से शनिवार को टीआरएफ आतंकी को पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आतंकी के पास से एक पिस्टल बरामद हुई है. पुलिस ने बताया कि ईदगाह क्षेत्र में टारगेट किलिंग के लिए आया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2022 7:29 PM
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Jammu Kashmir New जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित ईदगाह क्षेत्र से शनिवार को टीआरएफ आतंकी को पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आतंकी के पास से एक पिस्टल बरामद हुई है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ईदगाह क्षेत्र में टारगेट किलिंग के लिए आया था. आगे की जांच शुरू कर दी गयी है.

जांच में जुटी जम्मू-कश्मीर पुलिस

बताया गया कि पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम की विशेष सूचना के आधार पर पुलिस ने श्रीनगर के ईदगाह इलाके से एक टीआरएफ आतंकवादी को गिरफ्तार में कामयाब हुई. गिरफ्तार आतंकी के पास से एक पिस्टल बरामद हुई है. पुलिस ने बताया कि वह इलाके में सुनियोजित हत्या को अंजाम देने आया था. पुलिस मामले की जांच जुटी है.


शोपियां में मुठभेड़ में एक आतंकवादी ढेर

वहीं, जम्मू कश्मीर के अत्यधिक संवेदनशील शोपियां जिले में शनिवार को हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकवादी मारा गया. वहीं, सेना के दो जवान शहीद हो गए. कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने यहां बताया कि शोपियां में जैनापुरा इलाके के चेरमार्ग में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की और वहां तलाशी अभियान चलाया.

सेना के दो जवान शहीद

इस दौरान घर में छिपे आतंकवादियों ने उनपर गोलीबारी शुरू कर दी जिससे सेना के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में लश्कर का आतंकवादी अब्दुल कयूम डार मारा गया जो पुलवामा जिले के लारू काकपोरा का निवासी था. उन्होंने बताया कि इस घटना में घायल दोनों जवानों ने बाद में दम तोड़ दिया.

लश्कर आतंकवादी डार के साथ अप्रैल 2020 में हुई थी मुठभेड़

गौरतलब है कि लश्कर आतंकवादी डार के साथ अप्रैल 2020 में उसके घर पर मुठभेड़ हुई थी जिसके बाद उसके खिलाफ जनसुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसे अगस्त 2021 में रिहा किया गया था. हालांकि, रिहाई के बावजूद वह आतंकवादी समूह के लिए काम करता था और हाल में अपने घर से फरार हुआ था. विजय कुमार ने बताया कि लापता होने और आतंकवादी समूह में शामिल होने की पुष्टि होने के बाद पुलवामा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उसे लश्कर का सक्रिय आतंकवादी घोषित कर दिया था.

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