कश्मीर में आतंकी कर रहे ‘फिदायीन’ हमले की तैयारी, NSA डोभाल ने बनाया काउंटर प्लान
पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है. हर तरफ दहशत और खौफ का आलम है, लेकिन इस मुश्किल वक्त में भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत बंद नहीं कर रहा. हालिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान ने लॉन्च पैड्स को फिर से सक्रिय कर दिया है और आतंकवादियों को भारत भेजा है.
पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है. हर तरफ दहशत और खौफ का आलम है, लेकिन इस मुश्किल वक्त में भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत बंद नहीं कर रहा. हालिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान ने लॉन्च पैड्स को फिर से सक्रिय कर दिया है और आतंकवादियों को भारत भेजा है. सूत्रों से पता चला है कि, जैश 11 मई को घाटी में सुरक्षा बलों पर ‘फिदायीन’ हमला करने की साजिश कर रहा है. इन सब खबरों के बीच शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक की.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों से जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ रोधी ग्रिड को और मजबूत करने के लिए कहा है. इस बैठक के दौरान घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं और कैसे पाकिस्तानी नए आतंकी संगठनों को फंडिंग कर रहा है इस बात पर चर्चा की गई. डोभाल ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उनसे कहा कि घुसपैठ रोधी ग्रिड को और मजबूत किए जाने की आवश्यकता है ताकि पाकिस्तान की तरफ से भेजा गया कोई भी आतंकी घाटी में आ पाए.
डोभाल ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान की समीक्षा की, जिसमें आतंकी सरगना और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन कमांडर रियाज नायकू को एक सफल ऑपरेशन के दौरान मार गिराया गया था. बता दें कि नायकू और उसका सहयोगी 6 मई को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के बेघपोरा गांव में एक मुठभेड़ में मारे गए थे.शनिवार को हुई मीटिंग में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने, रॉ प्रमुख सामंत गोयल, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी, सेना के श्रीनगर मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिंग 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू और नगरोटा के 16 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हर्ष गुप्ता और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह मौजूद थे.
बताया जा रहा है कि मीटिंग के बाद एनएसओ डोभाल ने टॉप ऑफिसर्स के एक ग्रुप की मुलाकात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से करवाई. गृहमंत्री को मीटिंग में हुई चर्चा और उसके नतीजों के बारे में जानकारी दी गयी. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी 11 मई को सेना और अर्धसैनिक बलों की छावनियों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला कर सकता है.