Jammu Kashmir: राजनाथ सिंह ने राजौरी में आर्मी बेस कैंप का किया दौरा, सुरक्षा स्थिति का लिया जायजा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को राजौरी जिले का दौरा. इस दौरान उन्होंने ट्वीट कर जवानों का उत्साह बढ़ाया. राजनाथ ने लिखा कि जम्मू कश्मीर के राजौरी में आज सेना के आधार शिविर का दौरा किया. भारतीय सेना के बहादुर जवानों से बातचीत की. मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके समर्पण को सलाम करता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को राजौरी जिले का दौरा करने के साथ ही जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर सुरक्षा सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया. राजनाथ ने राजौरी जिले के कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को सेना के आतंकवाद-विरोधी अभियान के दौरान आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में पांच जवानों के शहीद होने के एक दिन बाद इलाके का दौरा किया. सिंह ने जवानों की मौत पर शोक जताया और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हुए सैनिकों की वीरता और उत्साह की सराहना की. राजनाथ का दौरा इसलिए भी खास है कि क्योंकि राजौरी और पुंछ में आतंकवादियों ने अक्टूबर 2021 से लेकर अब तक किए गए आठ हमलों में 26 सैनिकों सहित कुल 35 लोगों की जान गई है. इन दोनों जिलों को एक दशक से भी अधिक समय पहले आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था.
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, जम्मू कश्मीर के राजौरी में आज सेना के आधार शिविर का दौरा किया. सीमा पर अभियानगत क्षमताओं और सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया. भारतीय सेना के बहादुर जवानों से भी बातचीत की. भारत हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके समर्पण को सलाम करता है. भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) द्वारा शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दिए जाने संबंधी ट्वीट के जवाब में सिंह ने कहा, मैं इन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया. उनका बलिदान कभी नहीं भूला जाएगा. दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.
वहीं, अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ कुछ देर जम्मू में रुके और फिर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ राजौरी में ‘एस ऑफ स्पेड्स डिवीजन’ मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान, उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में शामिल सैनिकों से संवाद भी किया. राजौरी जिले के कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को सेना के आतंकवाद-विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के दौरान आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में पांच जवान शहीद हो गए थे और एक शीर्ष अधिकारी घायल हो गया था. शनिवार सुबह अभियान के दौरान क्षेत्र में छिपे हुए एक आतंकवादी के मारे जाने और एक अन्य के घायल होने की खबर है. अधिकारियों के मुताबिक, जनरल मनोज पांडे रक्षा मंत्री से कुछ देर पहले दिल्ली से जम्मू पहुंचे.
उन्होंने बताया कि उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, व्हाइट नाइट कोर के कोर कमांडर और जम्मू के मंडल आयुक्त ने भी राजनाथ के साथ राजौरी का दौरा किया. अधिकारियों के अनुसार, जम्मू लौटने से पहले रक्षा मंत्री को कांडी वन क्षेत्र में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर, खासकर राजौरी और पुंछ में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. एडीजीपीआई ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जनरल मनोज पांडे के साथ राजौरी में सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद रोधी अभियानों का जायजा लिया.
एक अन्य ट्वीट में उसने कहा कि रक्षा मंत्री ने वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी तथा जवानों से बातचीत की. उसने कहा, ‘‘उन्होंने (रक्षा मंत्री) कहा कि मुश्किल तथा दुर्गम इलाकों में सेना की अत्यधिक चौकसी और बलिदान के कारण देश ‘सुरक्षित’ महसूस करता है. इससे पहले, सेना के उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया. इस दौरान, उन्हें कमांडरों द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के ताजा घटनाक्रमों की जानकारी दी गई. जम्मू के राजौरी और पुंछ को एक दशक से अधिक समय पहले आतंकवाद-मुक्त घोषित कर दिया गया था. हालांकि, पिछले 18 महीनों में इन दोनों ही जिलों में कई आतंकवादी हमले हुए हैं.
कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षाबलों पर हुआ हमला इस साल केंद्र-शासित प्रदेश में हुआ तीसरा बड़ा आतंकवादी हमला था. यह हमला ऐसे समय में हुआ था, जब पुंछ के भाटा धुरियां में सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद सुरक्षाबल पिछले 15 दिनों से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, तलाशी अभियान के दौरान 250 से अधिक लोगों को वारदात के सिलसिले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों का सहयोग करने वाले छह सक्रिय कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है.
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सैन्य अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने अब सैनिकों का ध्यान कहीं और भटकाने या लोगों पर हमला करने और फिर तलाश अभियान में लगे सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोटक लगाने की रणनीति अपनायी है. उन्होंने बताया कि यह राजौरी के धांगरी गांव में भी हुआ था, जहां आतंकवादियों ने दो हमलों में सात नागरिकों की हत्या कर दी थी.