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Jammu & Kashmir: अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने के पांच साल पूरे 

Jammu & Kashmir: धारा 370 हटने के पांच साल बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात पहले के मुकाबले काफी बेहतर हुये हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि श्रीनगर में जी -20 की टुरिज़म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग सफलतापूर्वक आयोजित की गयी

By Anjani Kumar Singh | August 5, 2024 7:35 PM

Jammu & Kashmir: पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को समान संघीय अधिकार मिला. अब इस क्षेत्र में सिर्फ एक राष्ट्रीय ध्वज, एक नागरिकता और एक केंद्रीय कानून लागू है. इस बीच सुरक्षा में अभूतपूर्व सुधार हुये हैं. कानून का सख्त कार्यान्वयन, सुरक्षा उपकरणों का आधुनिकीकरण, आतंकवाद पर प्रहार कर पंचायती राज व्यवस्था के पुनर्जीवन से जमीनी प्रजातंत्र को मजबूती मिली है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा मानकों का पिछले 10 वर्षों की तुलना की जाये, तो आतंकवादियों द्वारा शुरू की गयी घटनाएं और मुठभेड़ों की संख्या जून 2004 से मई 2014 तक जहां 7217 थी, वहीं जून 2014 से 31 जुलाई 2024 तक यह संख्या घटकर 2263 रह गयी है. इस दौरान ऐसी घटनाओं में 69 फीसदी की कमी आयी है. नागरिक और सुरक्षा बलों की कुल मृत्यु की संख्या इसी अवधि में जहां 2829 रही वहीं यह घटकर 944 रह गयी है. इसमें 67 प्रतिशत की कमी आयी है. हालांकि सरकार एक भी हत्या या मृत्यु को गंभीरता से ले रही है और उसका करारा जवाब दिया जा रहा है.

पत्थरबाजी की घटना पर लगी लगाम

जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटना रोजमर्रा की बात थी. यहां आये दिन सभा या जुलूस पर पत्थर फेंकने की घटना घटती रहती थी. वर्ष 2010 तक जहां ऑर्गेनाइज्ड स्टोन पेल्टिंग की 2654 घटना, ऑर्गेनाइज्ड हड़ताल 132, पत्थरबाजी में नागरिकों की मृत्यु की संख्या 112 और जख्मी नागरिकों और सुरक्षा बलों की संख्या 6235 रही थी. वहीं वर्ष 2023 तक इन सभी में 100 प्रतिशत की कमी आयी है. इस दौरान टेरर फाइनेंस के 22 मामले दर्ज किये गये जिसमें 229 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 150 करोड़ की 57 प्रॉपर्टी सील की गयी, 90 प्रॉपर्टी को अटैच किया गया वहीं 134 बैंक अकाउंट फ्रीज किये गये.

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

उक्त अधिकारी के मुताबिक जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. जम्मू और कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिये सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है. इसके लिये विभिन्न उपाय जैसे की सुरक्षा उपायों की मजबूती, आतंकवादियों के प्रयासों और क्षमताओं को बेअसर करने के लिये विभिन्न काउंटर उपायों को अपनाना, युवाओं को आतंकवाद से दूर रखने के लिये रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने सहित उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिये नीतियों को प्रोत्साहित करना, सीमा पार घुसपैठ रोकने के लिये बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना आदि शामिल है. 

काउंटर इंसर्जेंसी ग्रिड में वृद्धि


सुरक्षा को चुस्त-दुरुस्त करने के लिये काउंटर इंसर्जेंसी ग्रिड में वृद्धि, सभी ऑपरेशन में जम्मू कश्मीर पुलिस को महत्त्व देना, आतंकवाद और काउन्टर–रेडिकलाइजेशन पर प्रहार, सुरक्षा उपकरणों का आधुनिकीकरण और सुदृढ़ करने पर स्पेशल फोकस, 105 करोड़ से कठुआ में उच्च सुरक्षा मॉडल जेल का निर्माण आदि शामिल है. इन प्रयासों के कारण 

सुरक्षा उपायों के महत्वपूर्ण परिणाम आये. जिसके कारण श्रीनगर में जी -20 की टुरिज़म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग सफलतापूर्वक आयोजित की गयी.  वर्ष 2023 में श्री अमरनाथ जी यात्रा का सफलतापूर्वक आयोजन हो पाया.­ 4 लाख 50 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र यात्रा मे भाग लिया. 34 वर्षों के बाद मोहर्रम के जुलूस को श्रीनगर मे पारंपरिक मार्ग पर निकालने की अनुमति दी गयी  जिसमें 40 हजार लोगों ने भाग लिया.­ जुलूस में माननीय उपराज्यपाल, जम्मू और कश्मीर भी शामिल थे.

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