Jammu Kashmir Terrorist Attack: कहां से आतंकियों के पास आ रहे हैं चीनी और अमेरिकी हथियार?

Jammu Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि के बीच आर्मी चीफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी जम्मू के दौरे पर रहेंगे. वे टॉप कमांडर्स के साथ बैठक करेंगे.

By Amitabh Kumar | July 20, 2024 8:23 AM

Jammu Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर में इन दिनों आतंकी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है. सेना के जवान आतंकियों को चुन-चुनकर ढेर कर रहे हैं. आर्मी चीफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी आज जम्मू का दौरा करने वाले हैं. यहां वे टॉप कमांडर्स के साथ बैठक करेंगे और आतंकी घटनाओं को लेकर आगे की रणनीति बना सकते हैं. इस बीच आतंकी घटनाओं का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है. खुफिया रिपोर्टों इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियार पाकिस्तान के रास्ते जम्मू-कश्मीर में पहुंच रहे हैं. जानकारी के अनुसार, दूरबीन से लैस एम-4 अमेरिकी कार्बाइन, चीनी स्टील कोर बुलेट और सटीक फायरिंग से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि हाल के हमलों में शामिल आतंकवादी पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) के रिटायर जवान या गुरिल्ला वार में ट्रेन्ड आतंकवादी हो सकते हैं.

Doda: security personnel keep a vigil after an early morning encounter with terrorists, in doda district, thursday, july 18, 2024.

एम4 कार्बाइन का इस्तेमाल आतंकियों ने 20 अप्रैल को किया

एम4 कार्बाइन और चीनी स्टील कोर बुलेट का पहली बार इस्तेमाल पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 20 अप्रैल 2023 को किया था. इस दिन पुंछ के तोता गली इलाके में सेना के ट्रक पर घात लगाकर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे. एक अधिकारी ने कहा कि हम निश्चित रूप से इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि आतंकवादियों में कुछ रिटायर पाकिस्तानी सेना के जवान भी हैं, लेकिन जम्मू में हाल के हमलों में आतंकवादियों द्वारा अपनाई गई गुरिल्ला वार रणनीति से स्पष्ट संकेत मिलता है कि वे हथियार लेकर चलने वाले आम लोग नहीं हैं.

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Doda: security personnel keep a vigil after an early morning encounter with terrorists, in doda district, thursday, july 18, 2024.

आतंकी पूर्व पाकिस्तानी सेना के नियमित सैनिक हो सकते हैं

आगे अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकी या तो पूर्व पाकिस्तानी सेना के नियमित सैनिक हो सकते हैं या फिर ये गुरिल्ला वार में प्रशिक्षित आतंकवादी हैं. हम घने जंगलों में अत्याधुनिक हथियारों से लैस युद्ध-प्रशिक्षित आतंकवादियों से लड़ रहे हैं. एम4 कार्बाइन को 1980 के दशक में अमेरिका में एम16ए2 असॉल्ट राइफल के सॉर्ट वर्जन के रूप में डेवलप किया गया था. यह अमेरिकी सेना का प्राइमरी इन्फेंट्री वेपन और सर्विस राइफल था. उन्होंने कहा कि चीनी स्टील कोर गोला-बारूद एक कारतूस है. इसमें एक स्टील कोर होता है, जो धातु के जैकेट या कोटिंग से घिरा होता है, जिसमें क्षमता होती है कि वो किसी भी चीज को भेद दे.

Doda: security personnel during an encounter with terrorists in a forest village in doda district, early thursday, july 18, 2024.

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