Jan Dhan Yojana से देश में आई क्रांति, 50 करोड़ से ज्यादा खुले बैंक अकाउंट
पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 50.09 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं और इन खातों में जमा राशि बढ़कर 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. जानें इस योजना की खास बातें
जनधन योजना ने वित्तीय समावेशन में क्रांति ला दी है. इसके तहत 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं. इस योजना की संचयी जमा राशि दो लाख करोड़ रुपये से अधिक है. प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) की नौवीं वर्षगांठ पर इस बाबत जानकारी सामने आयी है. जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार 55.5 प्रतिशत बैंक खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैं और 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं.
आपको बता दें कि यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है. योजना के तहत बैंक खातों की संख्या मार्च 2015 में 14.72 करोड़ से 3.4 गुना बढ़कर 16 अगस्त 2023 तक 50.09 करोड़ हो गई. कुल जमा राशि भी मार्च 2015 तक 15,670 करोड़ रुपये से बढ़कर अगस्त 2023 तक 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.
जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम) ने आम आदमी के खातों में सरकारी लाभों के सफल हस्तांतरण को सक्षम बना दिया है. पीएमजेडीवाई खाते प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी डीबीटी जैसी जन-केंद्रित पहल का आधार बन गए हैं. इसने समाज के सभी वर्गों, खासकर वंचित वर्ग के समावेशी विकास में योगदान दिया है. यहां चर्चा कर दें कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी. यह देश के वित्तीय परिदृश्य को बदलने में सफल रहा है.
उल्लेखनीय है कि पीएमजेडीवाई खाताधारकों को कई लाभ प्रदान करता है. इसमें खाते में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा मुफ्त रुपे डेबिट कार्ड, दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और 10,000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा जैसी सेवाएं इसमें शामिल हैं.
अगस्त, 2023 तक पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 33.98 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए. यह आंकड़ा मार्च 2015 के अंत में 13 करोड़ था. जनधन खातों में औसत जमा राशि मार्च 2015 के 1,065 रुपये से बढ़कर अगस्त 2023 में 4,063 रुपये हो गई है.