जनता कर्फ्यू ने दी प्रदूषण से महानगरों को राहत, प्रदूषण में 25 प्रतिशत तक गिरावट

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वाहन, कारखाने और कार्बन उत्सर्जन से जुड़े तमाम साधन बंद रहने के कारण पिछले पांच दिनों में दिल्ली सहित अन्य महानगरों के वायु प्रदूषण के स्तर में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी है

By Mohan Singh | March 26, 2020 7:28 PM
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नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वाहन, कारखाने और कार्बन उत्सर्जन से जुड़े तमाम साधन बंद रहने के कारण पिछले पांच दिनों में दिल्ली सहित अन्य महानगरों के वायु प्रदूषण के स्तर में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी है.

देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वाहन, कारखाने और कार्बन उत्सर्जन से जुड़े तमाम साधन बंद रहने के कारण पिछले पांच दिनों में दिल्ली सहित अन्य महानगरों के वायु प्रदूषण के स्तर में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी है.

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान ही वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित रहने वाले चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और पुणे में हवा की गुणवत्ता बेहतर हुयी थी.

इन शहरों में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों (पीएम 10, पीएम 2.5 और एनओ) के उत्सर्जन में 15 से 50 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गयी है. जनता कर्फ्यू के बाद पिछले चार दिनों से जारी लॉकडाउन के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पर देश के 104 प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पहुंच गयी है.

एक्यूआई के गुरुवार तक के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद सहित अधिकांश शहरों में हवा की गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक हो गया है. सिर्फ गुवाहाटी, कल्याण और मुजफ्फरपुर में हवा की गुणवत्ता का स्तर अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में बना हुआ है.

जबकि वाराणसी और ग्रेटर नोएडा सहित 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सामान्य श्रेणी में पहुंच गयी है. उल्लेखनीय है कि देश के 104 शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर सीपीसीबी के वायु गुणवत्ता सूचकांक के माध्यम से निरंतर निगरानी की जाती है.

डा. पालावत ने कहा कि सीपीसीबी और सफर के आंकड़ों से वाहन एवं धूल जनित प्रदूषण में गिरावट की स्थिति उजागर हुयी है. साथ ही पिछले तीन दिनों से उत्तर पश्चिमी भारत में बारिश और तेज हवाओं ने प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों को वातावरण में ठहरने से रोका है. इसके परिणाम स्वरूप वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ है.

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