Jaswant Singh, Former BJP leader Jaswant Singh dead: देश के पूर्व वित्त, विदेश और रक्षामंत्री जसवंत सिंह का आज निधन हो गया. 82 साल के जसवंत सिंह लंबे वक्त से कोमा में थे. पिछले महीने यानी अगस्त में उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जसवंत सिंह के निधन की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी. उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जसवंत सिंह जी ने हमारे देश की सेवा पूरी मेहनत से की, पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान. अटल जी की सरकार के दौरान, उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और विदेश मामलों में एक मजबूत छाप छोड़ी. उनके निधन से दुखी हूं.
Jaswant Singh Ji will be remembered for his unique perspective on matters of politics and society. He also contributed to the strengthening of the BJP. I will always remember our interactions. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
Jaswant Singh Ji served our nation diligently, first as a soldier and later during his long association with politics. During Atal Ji’s Government, he handled crucial portfolios and left a strong mark in the worlds of finance, defence and external affairs. Saddened by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि वो वे अपनी अलग तरह की राजनीति के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. उन्होंने राजस्थान में बीजेपी को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना. बता दें कि जसवंत सिंह राजस्थान से आते हैं. भारतीय सेना में सेवा देने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था.
Shri Jaswant Singh ji would be remembered for his intellectual capabilities and stellar record in service to the nation. He also played a key role in strengthening the BJP in Rajasthan. Condolences to his family and supporters in this sad hour. Om Shanti.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 27, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने राजस्थान में बीजेपी को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना.
गौरतलब है कि जसवंत सिंह ने 2014 में नाराज होकर भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी. यह नाराजगी टिकट को लेकर थी. उनकी बाड़मेर सीट से भाजपा ने कर्नल सोनाराम चौधरी को उतारा. इसके बाद जसवंत ने फिर भाजपा छोड़ दी. निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. इसी साल उन्हें सिर में चोट लगी. इसके बाद से जसवंत कोमा में ही थे.
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1996 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जसवंत सिंह ने रक्षा, विदेश और वित्त जैसे कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाला. जसवंत सिंह ने भारतीय सेना में भी अपनी सेवाएं दी लेकिन बाद में वह राजनीति में भाग्य आजमाने आ गए. वह भाजपा की स्थापना करने वाले नेताओं में शामिल रहे. उन्होंने राज्यसभा और लोकसभा, दोनों सदनों में भाजपा का प्रतिनिधित्व किया. वित्त मंत्री रहते हुए जसवंत सिंह ने ही वैट यानी स्टेट वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट) की शुरुआत की थी.
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Posted By: Utpal kant