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Jhansi Medical College Fire : अफरातफरी के बीच जिसे जो नवजात मिला, उसे उठा ले गया

Jhansi Medical College Fire : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई. इसके बाद वहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.

Jhansi Medical College Fire : यूपी में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में शुक्रवार की देर रात आग लग गई. शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी. इस अग्निकांड में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गयी, जबकि 16 अन्य बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हादसे के वक्त एसएनसीयू वार्ड में 55 नवजात भर्ती थे. घटना के बाद नवजातों को बचाने के लिए परिजन के बीच अफरातफरी मच गयी. वार्ड से आग की लपटें बाहर आतीं देख परिजन चीखते वार्ड को ओर दौड़ पड़े. कई परिजन लपटों की परवाह किये बगैर अंदर जा घुसे. वार्ड में महज चंद घंटे की उम्र होने के नाते पहचान के लिए बच्चों के हाथ में सिर्फ मां के नाम की स्लिप अथवा पांव में रिबन लगी होती है, लेकिन आगजनी के बाद अफरातफरी में अधिकांश नवजातों के हाथ की स्लिप निकल गयी. बच्चों को बाहर निकाला गया, तो उनके पास कोई पहचान चिह्न नहीं था. अधिकांश परिजनों को जो नवजात मिला, उसे उठा कर ले गये.

स्वागत के लिए सड़क किनारे डाला चूना, डिप्टी सीएम नाराज

मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले स्वागत के लिए सड़क किनारे चूना डाले जाने से नाराज उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को झांसी के जिलाधिकारी से उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा, जिसने यह काम करवाया था. कहा कि मेरे झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले एक व्यक्ति सड़क किनारे चूना डाल रहा था, जो बेहद दुखद है. मैं इसकी निंदा करता हूं.

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पागलों की तरह तलाशती रहीं माताएं

कई मां-बाप रोते-बिलखते अपने बच्चे के लिए गुहार लगाते रहे. महोबा निवासी संजना, जालौन निवासी संतराम अपने बच्चों को पागलों की तरह तलाशते रहे. उनके नवजात उनको मिले ही नहीं. रानी सेन ने बताया कि उनका तीन दिन का बच्चा नहीं मिल रहा है. उनकी देवरानी संध्या है, जिसके तीन दिन पहले बच्चा हुआ था. तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. आग लगने के बाद उनका बच्चा गायब है.

मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा

यूपी सरकार ने शनिवार को मृतक शिशुओं के माता-पिता को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बच्चों की मौतों पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की. एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि मृत बच्चों में से सात के माता-पिता की पहचान हो जाने पर शनिवार को उनके शवों का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है. तीन बच्चों की अभी तक पहचान नहीं हो पायी है.

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