केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए बुधवार को जींद में ‘महापंचायत’ आयोजित किया गया. जिसमें भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) प्रमुख राकेश टिकैत भी शामिल हुए. टिकैत ने इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने महापंचायत में भारी संख्या में जुटे किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी दी है और कहा – अगर बिल वापस नहीं लिया गया, तो गद्दी वापसी की बात करेंगे.
राकेश टिकैत की मौजूदगी में आयोजित महापंचायत में कृषि कानून वापसी समेत पांच प्रस्ताव पारित किया गया है. जिसमें पहला तो कृषि कानूनों की वापसी. दूसरा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग. इसके अलावा लापता किसानों का पता लगाने और किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग भी की. इसके अलावा किसानों ने एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की. Kisan andolan latest news on prabhatkhabar.com
जींद की महापंचायत से राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि हमने अभी सरकार से बिल वापस की बात कही है, अगर हमने गद्दी वापसी की बात कर दी तो सरकार का क्या होगा. राकेश टिकैत ने सरकार को बेबाक अंदाज में चुनौती देते हुए कहा, अब भी समय है सरकार संभल जाये.
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जींद में टिकैत की ललकार
जींद में महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा, सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा. अगर सरकार कृषि बिल वापस नहीं लेती है, तो वे लोग गद्दी वापसी पर बात करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा, सरकार के पास अक्टूबर तक का समय है. अगर सरकार इस दौरान बिल वापस नहीं लेती है, तो 40 लाख ट्रैक्टरों से किसान दिल्ली मार्च करेंगे. कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन से जुड़ी हर Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
जींद महापंचायत के दौरान टूटा मंच, नीचे गिरे राकेश टिकैत
महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत किसानों को जब संबोधित कर रहे थे उस समय मंच टूट गया और वो नीचे गिर गये. राकेश टिकैत के मंच गिरने के वीडियो इस समय सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें लोगों की प्रतिक्रिया भी तेजी से आने लगी है. जिस समय टिकैत का मंच टूटा उस समय जींद में भारी संख्या में किसान मौजूद थे. मंच में भी कई किसान नेता बैठे थे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से भी अधिक समय से हजारों किसान जमे हुए हैं. सरकार के साथ किसानों की कई दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.