J&K: समावेशी विकास के लिए शांति और आर्थिक विकास पर ध्यान देना जरूरी
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन सत्र को संबोधित करते हुए सदस्यों को एक प्रभावी विधायक बनने के लिए अपने मतदाताओं के हितों का प्रतिनिधित्व करने और शासन मानकों में सुधार करने में उनकी भूमिका के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तार से बताया.
J&K: जम्मू-कश्मीर में समावेशी विकास के लिए शांति के प्रति प्रतिबद्धता और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर आम सहमति की जरूरत है. यह साबित हो चुका है कि आर्थिक विकास न केवल लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालता है, बल्कि यह स्थायी आजीविका भी प्रदान करता है. हमारे देश के नौजवान महत्वाकांक्षी और एस्पिरेशनल हैं. वे लगातार विकास के अवसर तलाश रहे हैं. उक्त बातें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन सत्र को संबोधित करते हुए कहा. अपने संबोधन में, उपसभापति ने सदस्यों को एक प्रभावी विधायक बनने के लिए अपने मतदाताओं के हितों का प्रतिनिधित्व करने और शासन मानकों में सुधार करने में उनकी भूमिका के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तार से बताया.
बहस में पूरी तरह से हिस्सा लें सदस्य
उपसभापति ने कहा कि तीव्र तकनीकी उन्नति के इस युग में, सभी देशों ने महसूस किया है कि नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना, आर्थिक विकास के लिए नए रास्ते खोजना ही महाशक्ति बनने का एकमात्र रास्ता है. जब हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की बात करते हैं, तो ऐसा केवल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही तेज विकास से संभव नहीं होगा. विकास सभी हिस्सों से आना चाहिए और यह समावेशी होना चाहिए. और इस यात्रा में, समाज कैसे आगे बढ़े, इसे आकार देने में निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है.
उपसभापति ने सदन की बहसों में पूरी तैयारी के साथ भाग लेने और प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करने के महत्व को बताते हुए सदस्यों से नियमित रूप से सत्रों में भाग लेने, विभिन्न दृष्टिकोणों को सुनने और अच्छे वक्तृत्व कौशल विकसित करने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं की बारीकियों को समझने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बजट को बेहतर ढंग से समझने से एक सदस्य को विधानसभा में अपने काम और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास संबंधी जरूरतों के बीच अंतर को पाटने में मदद मिलती है.
व्यवधान के लिए अपने विशेषाधिकार का दुरुपयोग से बचें
सदन में व्यवधान पैदा करने के लिए अपने विशेषाधिकारों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. उपसभापति ने सदस्यों को आगाह करते हुए कहा, “एक विधायक सदन में जो कुछ भी बोलता है, उसके लिए उसे कानूनी कार्यवाही से इम्युनिटी प्राप्त है. यह विशेषाधिकार सदस्यों को बिना किसी डर या झिझक के स्वतंत्र रूप से सदन में अपनी बात कहने के लिए मिला है. पर आजकल इसका इस्तेमाल अक्सर सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए किया जाता है. किसी भी तरह का व्यवधान वास्तव में सदन के कामकाज को बाधित तो करता ही है, साथ-साथ सरकार को जवाबदेह ठहराने के आपके अवसरों को भी कम करता है.
जहां तक सदन में Dos और Donts की बात है तो इस बात पर जोर दूंगा कि आज के समय में सदन में क्या नहीं करना है, यह अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.” इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी भी उपस्थित रहें.