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Poonch Attack: आतंकवादियों ने स्टिकी बम और स्टील बुलेट से किया हमला, सेना के ट्रक पर 36 राउंड गोलियां दागी

पुंछ आतंकी हमले को लेकर आईबी ने गृह मंत्रालय और एनआईए को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें बताया गया है कि सेना के ट्रप पर आतंकवादियों ने 36 राउंड गोलियां दागी थीं. इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि आतंकवादियों ने हमले के लिए स्टिकी बम और स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया था.

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है बताया जा रहा है, आतंकवादियों ने हमले के लिए स्टिकी बम और स्टील बुलेट किया इस्तेमाल किया था.

आईबी रिपोर्ट में खुलासा, आतंकवादियों ने सेना के ट्रक पर 36 राउंड गोलियां दागी थीं

पुंछ आतंकी हमले को लेकर आईबी ने गृह मंत्रालय और एनआईए को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें बताया गया है कि सेना के ट्रप पर आतंकवादियों ने 36 राउंड गोलियां दागी थीं. इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि आतंकवादियों ने हमले के लिए स्टिकी बम और स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया था. पुंछ हमले की जांच कर रही टीम को सेना के ट्रक से दो ग्रेनेड पिन और मिट्टी तेल के वाष्प मिले हैं.

आतंकवादियों को खोजने के लिए ड्रोन, खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए एक आतंकवादी हमले में पांच जवानों के शहीद होने के बाद बाटा-डोरिया क्षेत्र के घने जंगल में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा तलाश अभियान शुरू किया है. इस अभियान में ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया गया, वहीं एक एमआई हेलिकॉप्टर ने घने वन क्षेत्र की टोह ली.

पुंछ हमले की जांच के लिए 12 लोगों को लिया गया हिरासत में

पुंछ आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में 12 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. हिरासत में लिए गए लोगों से आतंकवादी समूह की पहचान का पता लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर पूछताछ की जा रही है. माना जाता है कि आतंकवादी समूह एक साल से अधिक समय से क्षेत्र में सक्रिय था.

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आतंकवादियों ने राष्ट्रीय राइफल्स को बनाया अपना निशाना

पुंछ हमले में शहीद हुए जवान राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के थे और उन्हें इलाके में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए तैनात किया गया था. बताया जा रहा है कि तीन से चार आतंकवादियों के एक समूह ने इस हमले को अंजाम दिया और उन्होंने किसी विस्फोटक, बम या ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जिससे वाहन में आग लग गई. सेना ने कहा कि जिस वाहन में जवान यात्रा कर रहे थे, वह आतंकवादियों के हमले की चपेट में आ गया और संभवत: ग्रेनेड की चपेट में आने के कारण उसमें आग लग गई.

एक साल पहले ही हमले की तैयारी में थे आतंकवादी

खबर है कि पुंछ हमले को अंजाम देने वाले एक साल से अधिक समय से राजौरी और पुंछ में मौजूद थे और उन्हें इस दुर्गम इलाके का पर्याप्त ज्ञान था. यह इलाका जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) का गढ़ है और इसका ‘कमांडर’ रफीक अहमद उर्फ रफीक नाई इसी इलाके का रहने वाला है. बताया जा रहा, फिलहाल राजौरी और पुंछ क्षेत्र में तीन से चार आतंकवादी समूह सक्रिय हैं.

शहीद हुए जवानों में ये शामिल

शहीद हुए जवानों की पहचान हवलदार मंदीप सिंह, लांस नायक देबाशीश बस्वाल, लांसनायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सेवक सिंह के रूप में की गई है.

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