JNU Bans Protest: जेएनयू में धरना देने पर ₹20000 जबकि राष्ट्र विरोधी नारेबाजी पर 10 हजार का लगेगा जुर्माना
JNU Protests: जेएनयू छात्र संघ ने नयी नियमावली का विरोध किया है और इसे विरोधी विचारों को दबाने की कोशिश करार दिया है. छात्र संघ ने इस नियमावली को वापस लेने की डिमांड कर दी है. जानें क्या है पूरा मामला
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर भी हो रही है. दरअसल, विश्वविद्यालय की ओर से नयी नियमावली जारी की गई है जिसके मुताबिक शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में पोस्टर चस्पा करना और धरना प्रदर्शन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा. इस संबंध में अंग्रजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर प्रकाशित की है जिसमें बताया गया है कि जुर्माने की राशि 20 हजार रुपये तक हो सकती है. इतना ही नहीं दोषी को संस्थान से निष्कासित करने का फैसला तक लिया जा सकता है. नयी नियमावली में एक बात का जिक्र है जिसकी चर्चा ज्यादा हो रही है जिसमें कहा गया है कि ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधि पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. शैक्षणिक इमारतों की बात करें तो इसमें क्लास और प्रयोगशालाओं के अलावा विभिन्न स्कूलों के अध्यक्षों के कार्यालय, डीन और अन्य पदाधिकारियों के कार्यालय को शामिल किया गया है.
आपको बता दें कि इससे पहले हाई कोर्ट के आदेश पर प्रशासनिक इमारत जिसमें कुलपति, रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर सहित शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय हैं उसके 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर रोक लगाने का काम किया गया था. हालांकि, अब चीफ प्रॉक्टर कार्यालय (सीपीओ) की संशोधित नियमावली जारी की गई है जिसके मुताबिक, विश्वविद्यालय ने कक्षाओं के स्थानों के साथ-साथ शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर रोक लगाने का काम किया गया है. संशोधित नियमावली के अनुसार, किसी धार्म, जाति या समुदाय के प्रति असहिष्णुता को भड़काने या ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधि में यदि कोई लिप्त पाया जाता है तो उसपर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
जेएनयू छात्र संघ ने नयी नियमावली का विरोध किया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर में जेएनयू में भाषा अध्ययन संस्थान की इमारत की दीवार पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ नारा लिखे जाने के बाद संशोधित नियमावली जारी की गई है. उक्त घटना के बाद प्रशासन ने परिसर में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की थी जिसके बाद से ही इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा था कि कुछ नियमों में बदलाव हो सकता है. इस बीच जेएनयू छात्र संघ ने नयी नियमावली का विरोध किया है.