अगर आप भी नौकरी के लिए विदेश जाने की सोच रहे हैं और आपकी प्राथमिकता सूची में दुबई का नाम है तो यह खबर आपके लिए है. भारतीय दूतावास ने सावधान किया है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में नौकरी तलाश कर रहे लोग फर्जी एजेंट से सावधन रहें.
कोरोना संक्रमण के बाद एक बार फिर दलालों ने नौकरी का झांसा देना शुरू कर दिया है. यह एजेंट भोले – भाले लोगों को निशाना बनाता है. बृहस्पतिवार को मीडिया की एक खबर में यह जानकारी दी गई . विदेश मंत्रालय में सचिव संजय भट्टाचार्या ने इस सप्ताह की शुरुआत में ट्वीट किया था ,‘‘ इस बात से चिंतित हूं कि कुछ बदमाश एजेंट हमारे नागरिकों का शोषण कर रहे हैं और उन्हें विदेशों में खतरों में डाल रहे हैं.
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भर्ती एजेंट को विश्वसनीय ढंग से काम करना चाहिए अन्यथा उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा.” विदेश मंत्रालय के सचिव की यह सलाह ऐसी खबरों के बीच आई है, जब गल्फ न्यूज ने अपनी एक खबर में कहा कि 12 भारतीय महिलाओं को रोजगार दिलाने के नाम पर दलालों ने यूएई में ठगा है.
खबर के मुताबिक 21 से 46 वर्ष के बीच की इन महिलाओं को घरों में काम करने की नौकरी दिलाने की बात कही गई थी, लेकिन जब महिलाएं यूएई पहुंची तो उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है. समुदाय आधारित एक संगठन ‘‘ इंडियन एसोसिएशन इन अजमान” के महासचिव रूप सिद्धु ने गल्फ न्यूज से बातचीत में कहा कि अजमान पुलिस ने इस मामले में एक एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है.
उन्होंने बताया कि महिलाओं को दो अपार्टमेंट में सात और पांच के समूह में बंद पाया गया और महिलाओं ने अपने साथ बदसलूकी की शिकायत की है. सिद्धु ने समाचार पत्र को बताया कि इनमें से नौ महिलाओं को स्वदेश भेज दिया गया है, शेष महिलाओं को भी जल्द भेजा जाएगा.
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अबुधाबी में भारतीय दूतावास ने कहा है कि वह इन मामलों की शिकायत स्थानीय पुलिस में करेंगे , लेकिन यह बेहतर होगा की रोजगार की तलाश कर रहे लोग इस बात को जान लें कि ये फर्जी लोग किस तरह से काम करते हैं, और उनसे दूर रहें.” भारतीय दूतावास में प्रेस, सूचना और संस्कृति में द्वितीय सचिव संदीप कौशिक ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के वक्त ऐसे मामलों मे कमी आई थी लेकिन अब फिर से ऐसे मामले सामने आने लगे हैं.