जोशीमठ आपदा: 68 और घरों में दरारें, एक-एक पल भारी, असुरक्षित भवनों को गिराने का काम शुरू
Joshimath Crisis News : उत्तराखंड के जोशीमठ में किसी भी राहत और बचाव अभियान में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को तैयार रखा गया है. जानें क्या हैं वहां के ताजा हालात
Joshimath Crisis Updates : जोशीमठ में सोमवार को 68 और घरों में दरार देखी गयी. इसे लेकर लोगों में जहां डर का माहौल है, वहीं प्रशासन सजग हो गया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि एक-एक मिनट अहम है. संधू ने अधिकारियों से लोगों को घरों से निकालने के काम में तेजी लाने को कहा है, ताकि वे सुरक्षित रहें. इलाके में प्रशासन ने अनाउंसमेंट शुरू कर दिया है और लोगों से गिराए जाने वाले भवनों से दूर रहने की अपील की है.
लगभग 4,000 लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से NDTV ने यह खबर दी है. अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा प्रभावित है. एक विशेषज्ञ समिति द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपा जाएगा.
इधर, लोग असुरक्षित घोषित किये गये अपने घरों को छोड़कर जाने के इच्छुक नहीं हैं. प्रशासन ने असुरक्षित 200 से अधिक घरों पर लाल निशान लगा दिया है. प्रभावित मकानों की संख्या अब 678 हो गयी है. दरकते जोशीमठ में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं. मुख्य सचिव ने कहा है कि दरार पड़ चुके घरों को जल्द ही ढहाने का काम शुरू किया जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट आज सुनेगा पक्षजोशीमठ के मुद्दे पर फौरन दखल देने की मांग को लेकर याचिका दायर करने वाले वकील से सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वे मंगलवार को सर्वोच्च अदालत के समक्ष अपनी बात रखें. सीजेआइ जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश हुए वकील परमेश्वर नाथ मिश्रा से यह कहा. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने याचिका दाखिल की है. वकील परमेश्वर नाथ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया, जिस पर पीठ ने उन्हें प्रक्रिया का पालन करने और मंगलवार को फिर से उल्लेख करने के लिए कहा.
एनडीआरएफ की एक टीम तैयार हैउत्तराखंड के जोशीमठ में किसी भी राहत और बचाव अभियान में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को तैयार रखा गया है. प्रदेश की राजधानी देहरादून से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र से एनडीआरएफ के बचाव दल शनिवार को स्थान पर पहुंच गये थे. एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ में जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन की सहायता के लिए तैयार है. विशेषज्ञ ज़मीन पर हैं और प्रशासन उनके निर्देशानुसार कार्रवाई करेगा. एनडीआरएफ इसके अनुसार सहयोग करेगी.
68 और घरों में दरारआपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के एक बुलेटिन के अनुसार, जोशीमठ में सोमवार को 68 और घरों में दरार देखी गयी, जिसके बाद जमीन धंसने से प्रभावित मकानों की संख्या 678 हो गयी है, जबकि 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.
भाषा इनपुट के साथ