उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में भूस्खलन के कारण घरों में लगातार दरारें पड़ रही हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल है. खबर है 700 से अधिक मकान प्रभावित हुए हैं. सभी प्रभावित मकानों को तोड़ने का काम किया जा रहा है, लेकिन इसमें स्थानिय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. लोग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि उन्हें सही मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इधर जोशीमठ में प्रभावित परिवारों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहायता राशि की घोषणा की.
प्रभावित परिवारों को 1.5 लाख रुपये की सहायता राशि
उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी का कार्यालय ने बताया, CM द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करते हुए प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर 1.5 लाख रुपये की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है. भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं उनको बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा.
जोशीमठ जमीन धंसने के मुद्दे पर जेपी नड्डा ने की धामी से बात
जोशीमठ जमीन धंसने के मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात की. दोनों के बीच वहां की स्थिति के बारे में बातचीत हुई. नड्डा ने प्रभावितों को सहायकता देने का निर्देश दिया. धामी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को वहां की पूरी स्थिति के बारे में जानकारी दी.
जोशीमठ में टूटेंगे सिर्फ दो मकान, इकोलॉजी और इकोनॉमी को ध्यान में रखकर होगा काम
जोशीमठ का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहायता राशि की घोषणा करते हुए कहा, यह अंतिम सहायता नहीं है, सिर्फ तात्कालिक है. धामी ने कहा, अभी केवल दो मकान को तोड़ने पर फैसला किया गया है. जोशीमठ के लोगों के साथ पूरी सरकार है. यहां की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी नजर है. सीएम धामी ने कहा, जोशीमठ में इकोलॉजी और इकोनॉमी को ध्यान में रखकर काम किया जाएगा.
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BJP President JP Nadda speaks to Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami on the issue of Joshimath land subsidence
(file photos) pic.twitter.com/odL4po6DUP
— ANI (@ANI) January 11, 2023
मौसम का मिजाज बिगड़ने से कड़ाके की ठंड ने पीड़ितों की चिंता और बढ़ा दी
मौसम के इस बदलते मिजाज ने जोशीमठ के आपदा पीड़ितों की चिंता और बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने भी अगले कुछ घंटों में चमोली समेत अन्य हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है. जोशीमठ में जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित खतरे वाले इलाकों में घरों के आंगन और कमरों के अलावा आसपास की धरती भी फटी हुई दिख रही है और वहां गहरी दरारें हैं जो कई इंच चौड़ी हैं. पीड़ितों का कहना है कि जोशीमठ में बारिश से इन दरारों के जरिए धरती के अंदर पानी जाने से समस्या और बढ़ेगी.
मकानों को ढहाने की बन रही योजना
राहत और बचाव में लगे राज्य सरकार के अधिकारी खतरनाक घोषित किए गए दो होटलों ‘मलारी इन’ और ‘होटल माउंट व्यू’ को पिछले दो दिनों से ढहाने की योजना बना रहे हैं लेकिन भवन स्वामियों को विश्वास में नहीं ले पाने के चलते अब तक यह कार्रवाई अटकी हुई है. पीड़ित देवेंद्र सिंह के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में धरती में जगह-जगह आई दरारों को भरने के प्रयास शुरू किए जा सकते थे, लेकिन वह भी नहीं हो पाया. रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान से जोशीमठ आए विज्ञानियों ने अधिकारियों के सामने यह चिंता भी जताई थी.