Joshimath Land Sinking: वैज्ञानिकों ने किया प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण, इमारतों के आकलन का काम जारी
सीबीआरआइ के मुख्य अभियंता डॉ अजय चौरसिया ने कहा कि हम इमारतों के विवरण का आकलन कर रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि भवन का निर्माण कैसे किया गया और इन्हें बनाने के किस सामान का इस्तेमाल किया गया है. क्या यह तय किये गए मानदंडों के अनुसार है या फिर नहीं.
Joshimath Land Sinking: बीते कुछ समय से उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धसाव के मामले काफी बढ़ गए हैं. भू धसाव की वजह से यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मामला इतना बिगड़ चुका है कि, लोगों को अपने घरों को छोड़ दूसरे जगह पर शिफ्ट भी करना पड़ रहा है. बता दें दें यहां के सैंकड़ों घरों में दरार आ चुकी है और इसी वजह से वहां के प्रशासन के लोग अलर्ट मोड पर आ चुके हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी जोशीमठ के हालातों पर नजर रखे हुए हैं. अगर आप सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर मौजूद हैं तो जोशीमठ के लोगों के रोते-बिलखते वीडियोज को भी वायरल होते देख सकते हैं.
वैज्ञानिकों ने किया क्षेत्र का निरीक्षण
उत्तराखंड के जोशीमठ में शनिवार के दिन वैज्ञानिकों के एक टीम ने जोशीमठ में दरार पड़े घरों का निरीक्षण किया है. लैंड सिंकिंग या फिर भू धसाव के चलते प्रशासन ने जोशीमठ के घरों को तोडना शुरू किया है. बता दें जोशीमठ के 9 वार्डों में मौजूद 4000 घरों का आकलन भी किया गया है. CBRI के मुख्य अभियंता डॉ अजय चौरसिया ने अपने बयान में बताया कि फिलहाल हम इमारतों के विवरण का आकलन कर रहे हैं. आकलन के बाद पता चलेगा कि आखिर इन इमारतों का निर्माण कैसे किया गया गया है, इन्हें बनाने में किन वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया है और क्या यह निर्धारित मानदंडों के अनुसार है या फिर नहीं.
दीवारों पर लगा Unusable का पोस्टर
शनिवार को इन इमारतों की जांच करने पहुंची टीम ने इन जर्जर घरों को चिन्हित करने के लिए इनपर Unusable का पोस्टर लगा दिया है. जिन लोगों के यह घर हैं वे दूर से ही खड़े होकर अपने घरों को लाचारी से देख रहे थे और हालात पर अपनी बेबसी को महसूस करते हुए रो भी रहे थे. जानकारी के लिए बता दें सरकार ने अभी तक दो दर्जन से ज्यादा घरों पर इस तरह के पोस्टर लगा दिए हैं.