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JP Nadda: दरभंगा में जल्द बनेगा एम्स

पिछले 100 दिनों में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए उठाए गए अहम कदमों में वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने का फैसला लिया गया. इससे देश के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा. अक्टूबर महीने से वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो जायेगा.

By Vinay Tiwari | September 20, 2024 6:38 PM

JP Nadda:मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले 100 दिन में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने का फैसला लिया गया. इससे देश के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा. आयुष्मान भारत दुनिया को सबसे बड़ा सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम है. इस साल अक्टूबर महीने से वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि देश में टीकाकरण के यू-विन पोर्टल का विकास किया गया है. इस पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के 17 साल होने तक का रिकॉर्ड रखा जायेगा. आम लोगों को डिजिटल प्लेटफार्म पर सेवा मुहैया कराने के लिए कई तरह की जानकारी उपलब्ध होगी. इस पोर्टल पर लोग आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं और इस पर लोग अपना आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट और टीकाकरण से संबंधी जानकारी हासिल कर पाएंगे. यह पोर्टल 11 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि पहले 100 दिनों में विभिन्न मंत्रालय में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. 

टीबी का सस्ता और स्वदेशी इलाज का हुआ विकास

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सस्ता और कम समय में टीबी का इलाज करने की प्रक्रिया का विकास किया गया है. स्वदेशी प्रक्रिया के कारण टीबी के इलाज में लगने वाला समय 6 महीने कम हो गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर इसे लागू करने की योजना पर काम कर रही है. आपदा के दौरान लोगों को आपातकालीन चिकित्सा मुहैया कराने के लिए भीष्म क्यूब्स का विकास किया गया है. यह क्यूब काफी हल्का और तेजी से कहीं तैनात किया जा सकता है. इस क्यूब में 200 तरह की आपात चिकित्सा सेवा की सुविधा उपलब्ध है. पहले चरण में देश के एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में तैनात किया जायेगा. कठिन भौगोलिक हालात वाले इलाकों में ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है ताकि कम समय में मेडिकल उपकरण और दवा की पहुंच सुनिश्चित हो सके. देश के 12 संस्थानों में ड्रोन के ट्रायल का काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा सरकार मेडिकल सीटों की संख्या में वृद्धि कर रही है. इसके अलावा डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर बनाया गया है.

 
दरभंगा में जल्द बनेगा एम्स

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने 15 सितंबर 2020 को दरभंगा में 1264 करोड़ की लागत से एम्स के निर्माण को मंजूरी दी थी. लेकिन जमीन आवंटन का मुद्दा तीन साल तक रहा. बिहार सरकार ने इस साल 12 अगस्त को एम्स निर्माण के लिए 150.13 एकड़ जमीन का आवंटन कर दिया है. जल्द ही निर्माण काम शुरू होगा और इससे बिहार के लोगों को गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा मिलेगी. इसके अलावा बिहार के भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर और दरभंगा सरकारी मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड करने और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण काम चल रहा है. 

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