Junagadh Violence: जूनागढ़ हिंसा को लेकर बाल संरक्षण आयोग ने SP को लिखा पत्र, 7 दिन में मांगा जवाब

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जूनागढ़ एसपी को लिखे अपने पत्र में कहा, हिंसा गतिविधियों में नाबालिग बच्चों को हिस्सा बनाये जाने को लेकर उचित जांच की जाए. अगर ऐसा है, तो उसपर आवश्यक कार्रवाई की जाए. आयोग ने 7 दिनों में इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

By ArbindKumar Mishra | June 18, 2023 2:18 PM

गुजरात के जूनागढ़ में शुक्रवार रात जमकर हिंसा हुई. जिसमें एक की मौत हो गयी. हिंसा को काबू में करने में पांच पुलिसकर्मी भी घायल हो गये. इधर हिंसा को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जूनागढ़ एसपी को पत्र लिखा है. जिसमें नाबालिग बच्चों को हिंसा गतिविधियों का हिस्सा बनाये जाने को लेकर जांच करने के लिए कहा है.

आयोग ने 7 दिन में मांगा जवाब

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जूनागढ़ एसपी को लिखे अपने पत्र में कहा, हिंसा गतिविधियों में नाबालिग बच्चों को हिस्सा बनाये जाने को लेकर उचित जांच की जाए. अगर ऐसा है, तो उसपर आवश्यक कार्रवाई की जाए. आयोग ने 7 दिनों में इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

अतिक्रमण को लेकर नगर निगम ने दिया था दरगाह को नोटिस, जिसके बाद भड़की हिंसा

गौरतलब है कि जूनागढ़ में अतिक्रमण हटाने के लिए एक दरगाह को गिराने के लिए नगर निकाय ने नोटिस जारी किया था. जिसको लेकर शुक्रवार की रात जमकर हिंसा हुई. विरोध में लोगों के एक समूह ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और एक वाहन को आग लगा दी. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. घटना जूनागढ़ के मजेवाड़ी दरवाजा के पास हुई. इस दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया तथा बाद में 174 लोगों को हिरासत में ले लिया.

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पुलिस ने बताया, कैसे भड़की हिंसा

पुलिस अधीक्षक रवि तेजा वसमशेट्टी ने कहा, 14 जून को जूनागढ़ नगर निगम ने मजेवाड़ी दरवाजा के पास एक मस्जिद को जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस जारी किया. नोटिस से भड़के करीब 500-600 लोग शुक्रवार की रात धार्मिक ढांचे के पास जमा हो गए और सड़कों को जाम कर दिया. जूनागढ़ के पुलिस उपाधीक्षक और अन्य पुलिसकर्मियों ने भीड़ को समझाने की कोशिश की तथा मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकालने एवं प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने के उद्देश्य से करीब एक घंटे तक विचार-विमर्श हुआ. लेकिन इसके बाद रात करीब सवा दस बजे पुलिसकर्मियों पर कुछ पत्थर फेंके गए.

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