New CJI DY Chandrachud: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बने देश के नए प्रमुख न्यायाधीश, 9 नवंबर को संभालेंगे पद

New CJI DY Chandrachud: भारत के राष्ट्रपति ने जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर, 2022 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है. सीजेआई के तौर पर उनका कार्यकाल 9 नवंबर 2022 से शुरू होगा.

By Samir Kumar | October 17, 2022 7:38 PM
an image

New CJI DY Chandrachud: भारत के राष्ट्रपति ने जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर, 2022 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है. जस्टिस चंद्रचूड़ का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 9 नवंबर 2022 से शुरू होगा. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.

9 नवंबर 2022 को पदभार संभालेंगे जस्टिस चंद्रचूड़

उल्लेखनीय है कि वर्तमान सीजेआई जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल 8 नवंबर को खत्म होने जा रहा है. इसी के मद्देनजर, सरकार ने 7 अक्टूबर को वर्तमान सीजेआई ललित को पत्र लिखकर अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करने का अनुरोध किया था. इसके जवाब में सीजेआई ललित ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का नाम अपने उत्तराधिकारी के तौर पर भेजा था. जिसपर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. वरिष्ठता सूची के अनुसार जस्टिस चंद्रचूड़ मौजूदा सीजेआई ललित के बाद सबसे वरिष्ठ हैं. ऐसे में तय परंपरा के अनुसार उन्हीं के नाम की सिफारिश की गई थी. जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 को पदभार संभालेंगे. सीजेआई के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक होगा.

जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी रहे है मुख्य न्यायाधीश

जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे. 11 नवंबर, 1959 को जन्मे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की मां प्रभा चंद्रचूड़ शास्त्रीय संगीतकार थीं. स्कूली शिक्षा मुंबई और दिल्ली में पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की और फिर अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एलएलएम पूरी की. इसके बाद 1986 में जूरिडिकल साइंसेस में पीएचडी की उपाधि हासिल की.

अपने मजबूत फैसलों की वजह से जाने जाते हैं जस्टिस चंद्रचूड़

जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ अपने मजबूत फैसलों की वजह से जाने जाते हैं. निष्पक्षता और पारदर्शिता को न्यायिक प्रणाली के लिए अहम मानते हुए वे अपने पिता भूतपूर्व चीफ जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के व्यभिचार व निजता पर दिए फैसलों को पलट चुके हैं. हाल ही में उन्होंने अदालती कार्यवाही के बारे में जानने को नागरिकों का अधिकार बताते हुए अदालत की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू किया. उनका सबसे हालिया निर्णय अविवाहित महिलाओं के 24 सप्ताह तक के गर्भपात की मांग के अधिकारों को बरकरार रखने वाला निर्णय है. इसके साथ ही सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए सभी उम्र की महिलाओं के अधिकार को बरकरार रखने वाले फैसले का भी वे हिस्सा रहे है. जस्टिस चंद्रचूड़ पांच जजों की बेंच के भी सदस्य थे, जिसने अयोध्या-बाबरी मस्जिद मामले का फैसला किया था.

Also Read: Andaman and Nicobar: दुष्कर्म के आरोपी IAS अधिकारी पर गिरी गाज, गृह मंत्रालय ने किया निलंबित

Exit mobile version