Chief Justice of India: जस्टिस संजीव खन्ना होंगे भारत के नये CJI, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

Chief Justice of India: जस्टिस संजीव खन्ना गुरुवार को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किये गये.

By ArbindKumar Mishra | October 24, 2024 11:03 PM

Chief Justice of India: जस्टिस संजीव खन्ना देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में 11 नवंबर को शपथ लेंगे. इससे एक दिन पहले वर्तमान प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ 65 वर्ष की उम्र पूरी करने पर पद मुक्त हो जाएंगे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने आठ नवंबर, 2022 को प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया था.

13 मई 2025 को CJI के पद से रिटायर करेंगे जस्टिस खन्ना

न्यायमूर्ति खन्ना का प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल छह महीने से कुछ अधिक होगा और वह 13 मई, 2025 को पदमुक्त होंगे. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक्स’ पर कहा, भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश से परामर्श के बाद, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करके प्रसन्न हैं। उनका कार्यकाल 11 नवंबर, 2024 से प्रभावी होगा.

ऐसा रहा है जस्टिस खन्ना का कार्यकाल

जस्टिस खन्ना को 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया. उन्हें 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उनका जन्म 14 मई, 1960 को हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘कैम्पस लॉ सेंटर’ से कानून की पढ़ाई की थी.

महत्वपूर्ण फैसलों के लिए याद किए जाते हैं जस्टिस खन्ना

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खन्ना के कुछ महत्वपूर्ण फैसलों में चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के उपयोग को बरकरार रखना शामिल है. वह उन पांच न्यायाधीशों की पीठ का भी हिस्सा थे जिसने राजनीतिक दलों के वित्तपोषण के लिए बनाई गई चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक घोषित किया था. न्यायमूर्ति खन्ना उन पांच न्यायाधीशों की पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था. न्यायमूर्ति खन्ना ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपी दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी.

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