जल्द ही सेना के पास एक ऐसी कारबाइन आने वाली है जो स्टील की मोटी बुलेट प्रूफ जैकेट को भी भेदने में सक्षम है. यह कारबाइन यूजर ट्रायल के अंतिम चरण में है. इसके बाद जल्द ही यह सेना के पास होगी. इसे कुछ राज्यों की पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों को भी दिया जा सकता है. कारबाइन बेहद हल्क होने के कारण इसे चलाना काफी आसान होगा. कारबाइन एक मिनट में सैकड़ों राउंड गोलियां निकाल देगी.
कानपुर की लघु शस्त्र निर्माण फैक्ट्री (एसएएफ) में बनी ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन (जेवीपीसी) को डीआरडीओ के सहयोग से तैयार किया जा रहा है. इसका वजन तीन किलोग्राम से भी कम है. जिस कारण इसे आसानी से चलाया जा सकता है. इसमें 30 राउंड फायर की स्टील की मैग्जीन लगी है.
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आयुध निर्माणी बोर्ड के उपनिदेशक गगन चतुर्वेदी ने बताया कि इस कारबाइन की मारक क्षमता 100 मीटर है जबकि फायरिंग दर 800 राउंड प्रति मिनट है. इसकी गोलियां साढ़े तीन एमएम मोटी माइल्ड स्टील प्लेट को 100 मीटर की दूरी से भेद सकती है. यह कारबाइन डायरेक्टर जनरल क्वालिटी एश्योरेंस के मानकों पर खरी उतर चुकी है. हाल ही में कारबाइन ने जनरल क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट के सभी मानकों को यूजर ट्रायल में पूरा कर लिया है. सेना के उपयोग के लिए यह पूरी तरह से तैयार है.
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कारबाइन का उत्पादन एसएएफ में होगा जबकि इसका एम्युनिशन का उत्पादन पुणे स्थित आयुध फैक्ट्री में किया जाएगा. फरवरी 2020 में लखनऊ में लगे डिफेंस एक्सपो में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसे देख चुके हैं. कई राज्यों की पुलिस व अन्य बलों को यह कारबाइन दिए जाने की तैयारी है.
Posted By : Amitabh Kumar