नयी दिल्ली : कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर मीडिया में आज अचानक खबर आयी कि वो फिर से ‘घर वापसी’ कर सकते हैं. यानी कि उनके भाजपा छोड़कर फिर से कांग्रेस में जाने की अटकलें लगने लगीं. हालांकि अब भाजपा नेता ने ऐसी अटकलबाजी पर विराम लगा दिया है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस तरह की खबरों पर दुख जताया.
उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, ‘अफसोस की बात है कि झूठी खबर सच से ज्यादा तेजी से यात्रा करती है’. खबर लिखे जाने तक उनके ट्वीट पर 14 हजार से अधिक लोगों ने लाइक किया था और दो हजार से अधिक लोगों ने री-ट्वीट भी कर चुके थे. हालांकि उनके ट्वीट पर कई लोगों ने उन्हें ट्रोल भी किया है और उनके समर्थक फेक न्यूज पर चिंता भी जता रहे हैं.
Sadly, false news travels faster than the truth.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) June 6, 2020
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा छोड़ने और कांग्रेस में वापस जाने की खबर तब मीडिया में चली जब उन्होंने अपने ‘ट्विटर’ अकाउंट से भाजपा का चिन्ह हटा दिया. उसकी जगह पर उन्होंने पब्लिक सर्वेंट और क्रिकेट समर्थक लिखा है. इससे पहले भी उन्होंने ऐसा ही किया था, जब वो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले थे. सिंधिया के ‘ट्विटर’ अकाउंट से भाजपा का चिन्ह हटा लेने से लोगों को एक बार वैसा अंदेशा हुआ कि ‘महाराज’ कहीं भाजपा छोड़ फिर से कांग्रेस तो नहीं जाने वाले हैं.
भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया हालांकि अब तक अपने ट्विटर’ अकाउंट में भाजपा का चिन्ह फिर से नहीं लगाया है. अब भी उनके अकाउंट में पब्लिक सर्वेंट और क्रिकेट समर्थक ही लिखा हुआ है. मध्य प्रदेश से जुड़ी हर Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
मालूम हो ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण ही मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सत्ता में वापसी संभव हो पाया है. सिंधिया के कारण ही कमलनाथ सरकार अल्पमत में आयी और बीच में ही कांग्रेस को मध्य प्रदेश की सत्ता छोड़नी पड़ी.
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मालूम हो 1993 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्व. माधवराव सिंधिया दिग्विजय सिंह की सरकार से अलग हो गए थे. माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षा के कारण कांग्रेस को छोड़ दिया था. फिर बाद में उन्होंने मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस पार्टी बनाई था. हालांकि बाद में माधवराव सिंधिया कांग्रेस पार्टी में वापस लौट आए थे.
Posted By : arbind kumar mishra