सरकार ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वुमेन एयरलाइन पायलट्स के अनुसार विश्व में कुल पायलटों में से 5 प्रतिशत महिलाएं हैं जबकि भारत में महिला पायलटों की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है. लोकसभा में डॉ वी सत्यवती और चिंता अनुराधा के प्रश्न के लिखित उत्तर में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जानकारी दी. सदस्यों ने देश में महिला पायलटों की संख्या बढाने के लिये उठाये गए कदमों का ब्यौरा मांगा था.
सिंधिया ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय और इससे जुड़े संगठनों ने देश में महिला और पुरूषों दोनों वर्ग के पायलटों की संख्या बढ़ाने के लिये कदम उठाये हैं. इनमें पहले चरण में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा पांच हवाई अड्डों बेलगावी, जलगांव, कलबुर्गी, खजुराहो अैर लीलाबारी पर नौ नए उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) के लिये अवार्ड पत्र जारी करना शामिल है। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में पांच हवाई अड्डों… भावनगर, हुबली, कउप्पा, किशनगढ़ और सलेम में छह तथा एफटीओ के लिये स्लॉट जारी करना शामिल है.
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नागर विमानन मंत्री ने कहा कि इन उपायों से उड़ान प्रशिक्षण संगठनों में उड़ान घंटों और प्रति वर्ष जारी किये जाने वाले वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है. सिंधिया ने कहा कि इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वुमेन एयरलाइन पायलट्स के अनुसार विश्व में कुल पायलटों में से 5 प्रतिशत महिलाएं हैं जबकि भारत में महिला पायलटों की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में 17 हजार से अधिक रजिस्टर्ड पायलट हैं, जिनमें से महिला पायलटों की संख्या 2 हजार से अधिक है. वहीं, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिमी देशों, अमेरिकी और ऑस्ट्रेलिया की तुलना में भारत में महिला पायलटों की संख्या दोगुना है.