15.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बीजेपी में कितना बढ़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद ? मध्य प्रदेश चुनाव से पहले जानें खास बातें

MP Election 2023 : ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद केंद्रीय नेतृत्व में जरूर बढ़ता नजर आया लेकिन अपने क्षेत्र के पुराने नेताओं के दिल में उनकी जगह कम होती चली गयी. पढ़ें मार्च 2020 के बाद बीजेपी में पूर्व कांग्रेस नेता का कद आखिर कितना बढ़ा है.

MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चंद महीने ही रह गये हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी अपने प्लान के तहत मैदान में काम कर रहीं हैं. इस बीच एक नेता की चर्चा जोरों पर हो रही है. उस नेता का नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) हैं जो अब बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं और जनता के बीच जाकर शिवराज सरकार और मोदी सरकार के कार्यों से जनता को रू-ब-रु करवा रहे हैं. यदि आपको याद हो तो उन्होंने करीब तीन साल पहले बीजेपी का दामन थामा था.

मार्च 2020 में बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद आखिर कितना बढ़ा? तो आपको बता दें कि मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट में सिंधिया को मंत्री बनाया गया था. उसके बाद से वे बीजेपी की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और मध्य प्रदेश में खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं. बीजेपी ने चुनावी साल में सिंधिया को कई जिम्मेदारी दी है. यही नहीं उनके लोगों को भी चुनाव से संबंधित समितियों में स्थान देकर बीजेपी ने जता दिया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को दरकिनार नहीं किया जा रहा है. पिछले तीन सालों में सिंधिया की बीजेपी में कितनी स्वीकार्यता है, आइए इसपर नजर डालते हैं…

जब पीएम मोदी सिंधिया को ले गये अपने साथ

कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के दौरे पर थे. वे इस दौरान राजधानी भोपाल पहुंचे थे. इस वक्त कुछ अलग नजारा देखने को मिला था. दरअसल, पीएम मोदी जब भोपाल आए थे तो अचानक ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने विमान में बैठाया था और दिल्ली साथ लेकर गये थे. इस दौरान कई तरह की अटकलों का बाजार गरम था. लोगों के मन में सवाल था कि क्या मध्य प्रदेश बीजेपी में सिंधिया सबसे शक्तिशाली नेता बन गये हैं? यही नहीं बीजेपी ने चुनाव को लेकर अभी जो समितियां पार्टी की ओर से बनायी गयी है, उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह दी गयी है. साथ ही उनके करीबी मंत्रियों को भी उसमें अहम जिम्मेदारी दी गयी है.

Also Read: मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जीत दिलाने की जिम्मेदारी इन नेताओं के कंधे पर, देखें चुनाव अभियान समिति की सूची

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सिंधिया ने किया ये आग्रह

पिछले दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक कार्यक्रम के सिलसिले में ग्वालियर पहुंचीं थीं. यहां भी कुछ खास देखने को मिला था. जी हां… प्रोटोकॉल के तहत तो वे कहीं भी नहीं जा सकती हैं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक आग्रह महामहिम से किया. इस आग्रह के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सिंधिया के निवास जय विलास पैलेस पहुंचीं और वहां दोपहर का भोजन किया. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जय विलास पैलेस में गये थे. उपरोक्त घटनाक्रम से सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल के इलाके में अपने कद का अहसास करवाया था.

Also Read: MP Election 2023 : प्रियंका गांधी के वार से बौखलाए ज्योतिरादित्य सिंधिया? कांग्रेस पर किया करारा प्रहार

यहां चर्चा कर दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने कांग्रेस से एक साथ इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गयी थी. बाद में ये विधायक बीजेपी में शामिल हो गये थे और फिर चुनावों के बाद विधायक बने थे.

कांग्रेस सिंधिया पर हमलावर

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस नेता उनपर लगातार हमलावर नजर आये और वर्तमान के बयान को भी देखकर ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस उस सदमे से बाहर नहीं निकल पायी है. पिछले दिनों जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ग्वालियर के दौरे पर थीं तो उन्होंने भी सिंधिया पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया था.

Also Read: चुनाव से पहले टीएस सिंहदेव ने की ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात, जानें वजह

प्रियंका गांधी ने ‘जन आक्रोश’ रैली में आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार धोखे से बनी है. उनका इशारा मार्च 2020 में सिंधिया और उनके वफादार विधायकों के कांग्रेस छोड़ने से कमलनाथ सरकार गिरने से था. इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार बनी थी. सिंधिया पर परोक्ष रुप से हमला करते हुए उन्होंने लोगों से अपील की थी कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मजबूत जनादेश दें ताकि कोई उसे गिरा न सके.

खत्म हुआ था कांग्रेस का वनवास

पिछले चुनाव यानी 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जोरदार जीत दर्ज की थी और अपने 15 साल के वनवास को खत्म किया था. कांग्रेस ने उस वक्त कमलनाथ को प्रदेश की कमान सौंपी थी. हालांकि कांग्रेस की सरकार से कुछ विधायक नाराज थे और उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में बगावत कर दी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें