Kal Ka Mausam: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है. दिल्ली-यूपी-राजस्थान-बिहार-झारखंड समेत कई और राज्यों में पारा गिर रहा है. पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का सीधा असर मैदानी इलाकों में दिखने लगा है. उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में अब सिरहन वाली सर्दी शुरू हो गई है. यूरोपीय सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट्स (ECMWF) का अनुमान है कि उत्तर भारत के कुछ राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. पारा अचानक से गिर सकता है.
हाड़ कंपाने वाली ठंड
ECMWF का अनुमान है कि इस सप्ताह दिल्ली, यूपी समेत कई और उत्तर भारत के राज्यों में पारा अचानक से लुढ़क सकता है. तापमान में सामान्य से 3 से 6 डिग्री की गिरावट आ सकती है. हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ सकती है. मौसम विभाग का भी अनुमान है कि दिल्ली,यूपी, राजस्थान, बिहार , झारखंड समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों में अब कड़ाके की सर्दी शुरू होगी. 11 दिसंबर से मौसम के तेवर और तल्ख हो सकते हैं. दिल्ली यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में पारा और गिरेगा.
इन राज्यों में पड़ेगी कड़ाके की सर्दी
उत्तर भारत में सर्दी बढ़ने का कारण पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली सर्द हवाएं भी है. जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हो रही है. इसके कारण मैदानी इलाकों में पारा गिर गया है. ठंडी हवा के कारण वातावरण में कनकनी बढ़ने लगी है. 10 से 16 दिसंबर के बीच ठंड में और इजाफा हो सकता है. दिल्ली, यूपी, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा ठंड का असर दिखाई देगा. अनुमान है कि न्यूनतम तापमान में तीन से छह डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है.
जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी से बढ़ेगी ठंड
जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी जारी है. आने वाले समय में पारा और गिरेगा साथ ही बर्फबारी में भी बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा दोनों राज्यों के कई इलाकों में शीतलहर भी चल रही है. आईएमडी का अनुमान है कि एक दो दिनों में सर्दी और बढ़ेगी. वहीं स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले साल यानी जनवरी की शुरुआत से ही जोरदार ठंड पड़ने लगेगी.
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय
स्काईमेट वेदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्सों में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन गया है. यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रही है. आने वाले समय में यह और मजबूत होकर लो प्रेशर एरिया में बदल जाएगी. इस मौसमी तंत्र के कारण दक्षिण भारत के कई राज्यों में जोरदार बारिश हो सकती है. इसका सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु में दिखाई देगा.