Kameshwar Chaupal: राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी और मंदिर निर्माण में पहला ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है. आज गंगाराम अस्पताल में उन्होनें आखिरी सांस ली है. कामेश्वर चौपाल पिछले की दिनों से बीमार चल रहे थे. कामेश्वर चौपाल के निधन से सियासी गलियारे में शोक की लहर है. ये बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं.
बिहार बीजेपी ने कामेश्वर चौपाल के निधन पर गहरी शोक व्यक्त की है. पार्टी ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट कर श्रद्धांजलि दी है, जिसमें कहा गया कि “राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थायी सदस्य, और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे श्री कामेश्वर चौपाल जी के निधन की खबर समाज के लिए एक बड़ी क्षति है. उन्होंने अपने पूरे जीवन को धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया और वे मां भारती के सच्चे लाल थे”
कौन हैं कामेश्वर चौपाल?
कामेश्वर चौपाल का जन्म 24 अप्रैल 1956 को बिहार के सहरसा जिले के वर्तमान सुपौल जिले के कमरैल गांव में हुआ था. वे एक प्रमुख समाजसेवी और नेता थे जिन्होंने अपने जीवन को सामाजिक और धार्मिक कार्यों में समर्पित किया. कामेश्वर चौपाल ने वनवासी कल्याण केन्द्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों के साथ मिलकर समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया. राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने 1991 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से की। उसी वर्ष, वे रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। इसके बाद, उन्होंने 1995 और 2000 में बखरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि वह चुनावी मैदान में विजयी नहीं हो सके.
7 मई, 2002 को कामेश्वर चौपाल ने बिहार विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण की और 2014 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। उनके योगदान और समाज के प्रति समर्पण को लेकर उन्हें व्यापक सम्मान प्राप्त था। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.