क्या अब कंगना रनौत की हाउसिंग सोसाइटी पर बीएमसी का हथौडा चलेगा ? दरअसल, कंगना रनौत की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रहीं हैं. जहां नौ सितंबर को बीएमसी ने उनके पाली हिल स्थित ऑफिस में अवैध निर्माण बताते हुए तोड़फोड़ की थी, वहीं अब बीएमसी ने उनकी हाउसिंग सोसाइटी (चेतक) को नोटिस भेजा है. बीएमसी ने कई तरह की जानकारियां मांगी है.
रिपोर्ट के अनुसार चेतक सोसाइटी एक सहकारी समिति है और बीएमसी ने सोसाइटी से पिछले तीन साल में हुई बैठकों की लिस्ट मांगी है. यही नहीं बीएमसी की ओर से सोसाइटी के अकाउंट की विस्तृत लिस्ट भी मांगी गई है.
-सोसाइटी के मुख्य सदस्य और साझेदारों की जानकारी
-तीन साल में सोसाइटी की कितनी बैठकें आयोजित की गईं, साथ ही उनके बैंक खातों की भी जानकारी
-रेल हाउस और बंगलों के आवंटन की लिस्ट बीएमसी ने मांगी है.
-एग्रीमेंट समेत दूसरे कागजात बीएमसी ने मांगे हैं.
-चुनाव प्रक्रिया के साथ सदस्यों की ट्रांसफर लिस्ट भी बीएमसी की ओर से मांगी गई है.
कंगना ने मांगा दो करोड़ का मुआवजा: इधर अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने बंगले में की गई कथित ”अवैध” तोड़फोड़ के लिए बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) से दो करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग के वास्ते बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में संशोधन किया है. उपनगरीय इलाके बांद्रा स्थित रनौत के बंगले में बीएमसी ने गत नौ सितंबर को कथित अवैध निर्माण को तोड़ा था, जिसके खिलाफ अभिनेत्री ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. तब न्यायमूर्ति एसजे कठवल्ला की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बीएमसी की कार्रवाई पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि यह ”दुर्भावनापूर्ण” प्रतीत होती है.
क्या है रनौत की याचिका में ? : रनौत ने अपनी संशोधित याचिका में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणियों के परिणामस्वरूप बीएमसी ने तोड़फोड़ की कार्रवाई का फैसला किया. इसके मुताबिक, हाल ही में अभिनेत्री की महाराष्ट्र सरकार से तनातनी चल रही थी क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार से संबंधित कुछ मुद्दों से निपटने को लेकर की गई कार्रवाई पर अपने विचार व्यक्त किए थे, जिनका आम जनता पर प्रभाव पड़ता है. संशोधित याचिका के मुताबिक, उनके विचारों ने कुछ खास पक्षों को नाखुश किया और एक विशेष राजनीतिक दल की नाराजगी का कारण बना जोकि महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा है.
Posted By : Amitabh Kumar