Kangana Ranaut: किसानों पर विवादित बयान देकर बुरी फंसी कंगना रनौत, जेपी नड्डा ने किया तलब

Kangana Ranaut: बीजेपी सांसद कंगना रनौत एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर निशाने पर हैं. आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई ने उनके बयान के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें तलब किया है.

By Pritish Sahay | August 27, 2024 7:56 PM

Kangana Ranaut: बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत अपने बयान से हमेशा चर्चा में रहती हैं. किसानों पर दिए गए बयान की भी खूब चर्चा हो रही है. खबर है कि उनके बयानों को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें मंगलवार को तलब किया है. बीते दिनों कंगना ने बयान दिया था कि किसान आंदोलन के दौरान लाशें लटकी थीं. वहां पर दुष्कर्म हो रहे थे. हालांकि बीजेपी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है. बीजेपी के केंद्रीय मीडिया विभाग ने उनके बयान पर कहा कि यह कंगना का दिया गया बयान है पार्टी की राय नहीं है. बीजेपी कंगना रनौत की ओर से दिए गए बयान से सहमत है. बीजेपी ने कहा कि पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं.

कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर क्या दिया था बयान
मंडी से बीजेपी की सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत में भी बांग्लादेश जैसी अराजकता हो सकती थी. उन्होंने कहा कि बाहरी ताकतें देश के अंदरूनी लोगों की मदद से हमें नष्ट करने की योजना बना रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारा नेतृत्व कमजोर होता तो और उसमें दूरदर्शिता नहीं होती तो वे अपनी मंशा में सफल हो जाते. उन्होंने आगे कहा था, यहां पर जो किसान आंदोलन हुए वहां पर लाशें लटकी थीं. वहां पर दुष्कर्म हो रहे थे. किसानों के हितकारी बिल जो वापस लिए गए, तो पूरा देश चौंक गया. वो किसान आज भी वहां मौजूद हैं. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि बिल वापस ले लिया जाएगा.

हरियाणा में कंगना के खिलाफ प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई ने कंगना रनौत की ओर से प्रदर्शनकारी किसानों पर की गई टिप्पणी के खिलाफ मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी नेताओं ने कहा कि कंगना का बयान बीजेपी की किसानों के प्रति मानसिकता को प्रदर्शित करता है. आम आदमी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जींद, यमुनानगर और पंचकूला सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. रनौत ने कहा था कि यदि शीर्ष नेतृत्व पर्याप्त मजबूत नहीं रहा होता तो अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन से देश में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी.

बता दें, हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होगा और विपक्षी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमले करना शुरू कर दिया है. आप की हरियाणा इकाई ने तख्तियां लेकर बीजेपी सरकार के खिलाफ नारे लगाए. AAP की हरियाणा इकाई के प्रमुख सुशील गुप्ता ने टिप्पणी के लिए रनौत की जमकर आलोचना की. उन्होंने इसे शर्मनाक करार दिया. आप ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा किसानों से नफरत करती है क्योंकि उन्होंने काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर किया. भाषा इनपुट के साथ

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