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अपने ट्वीट की वजह से मुश्किल में पड़ सकती हैं कंगना रनौत
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कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट
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24 अप्रैल को होगी दोबारा सुनवाई
कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सोशल मीडिया में कंगना रनौत ने टिप्पणी की थी. इस मामले में दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट ( एटीआर) फाइल करने का आदेश दिया है.
प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे ग़लतफ़हमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की ऐक्टिंग करे, नासमझने की ऐक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिज़ेन्शिप नहीं गयी मगर इन्होंने ख़ून की नदियाँ बहा दी. https://t.co/ni4G6pMmc3
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 20, 2020
कोर्ट ने इसके लिए 24 अप्रैल तक का समय दिया है. अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. कंगना ने किसानों को लेकर ट्वीट किया था. बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है कि इस मामले में क्या एक्शन लिया गया.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मनजिंदर सिरसा के वकील से पूछा कि अगर सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी करता है तो यह आपके लिए इतना जरूरी क्यों है ? कितने लोग हमारे देश में टि्वटर का इस्तेमाल करते हैं.
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कोर्ट के इस सवाल पर याचिकाकर्ता ने कहा, अगर कंगना रनौत कुछ ट्वीट करती है तो मीडिया उसे प्रमुखता से प्रकाशित करता है. कंगना द्वारा किया गया ट्वीट सांप्रदायिक तनाव का कारण बन सकता है. कोर्ट ने इस जवाब के बाद भी पूछा कि कितने लोग हैं जो सोशल मीडिया पर हैं या अखबार पढ़ते हैं.
कोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए याचिका दायर की गयी थी. कंगना पर अपमानजनक ट्वीट के जरिए विभिन्न समूहों में वैमनस्यता फैलाने का आरोप लगाया गया है. ध्यान रहे कि कंगना रनौत ने प्रधानमंत्री के एक जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था.
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“प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे ग़लतफ़हमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की एक्टिंग करे, नासमझने की ऐक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फर्क पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिज़नशिप नहीं गई मगर इन्होंने खून की नदियां बहा दी.”