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Kangana Ranaut Statement : कृषि कानून पर बवाल, कंगना रनौत ने बीजेपी को डाला परेशानी में, कांग्रेस ने किया कटाक्ष तो देनी पड़ी सफाई

Kangana Ranaut Statement : कृषि कानून पर बयान देकर कंगना रनौत ने बीजेपी को परेशानी में डाल दिया. इसके बाद पार्टी की ओर से जानें क्या कहा गया.

Kangana Ranaut Statement : कृषि कानूनों को वापस लाने को लेकर बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत ने ऐसा बयान दिया है जिसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इस कथित टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने की कोशिश कर रही है. हरियाणा इसका करारा जवाब देगा. इस बीच कंगना की टिप्पणी से बीजेपी ने किनारा करते हुए कहा कि ये उनका व्यक्तिगत बयान है.

कांग्रेस का कंगना रनौत पर करारा प्रहार

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कंगना रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो शेयर किया. इसमें वह कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं कि जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है. किसानों के हित में कानून वापस लाने चाहिए. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे.

कांग्रेस ने वीडियो के साथ एक पोस्ट में कहा कि किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून वापस लाए जाएं… यह बात बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कही है. देश के 750 से अधिक किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार जागी और ये काले कानून वापस लिए गए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब बीजेपी सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं.

बीजेपी ने किया कंगना के बयान से किनारा

बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मामले को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर दिया गया बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है. इस मुद्दे पर वह बीजेपी की ओर से कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं.

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किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी : कंगना रनौत

बवाल बढ़ता देख कंगना रनौत ने गौरव भाटिया के बयान को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कोट किया और लिखा कि बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं.

क्या था तीन कानून जिसे किसानों ने नहीं किया स्वीकार

केंद्र की मोदी सरकार ने विरोध प्रदर्शन के बाद तीन कानून- कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया था. किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ. ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए.

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