कानपुर एनकाउंटर मामले में नौ लोगों पर एफआईआर दर्ज, गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी और भाई भी आरोपी

कानपुर में इस साल जुलाई में हुए आठ पुलिसकर्मियों (Kanpur Encounter) की हत्या के मामले में यूपी पुलिस (Bikeru Kand) ने नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR)दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने कानपुर एनकाउंटर में मारे गये गैंगस्टर विकास दुबे (Vikash Dubey ) की पत्नी (Vikash Dubey Wife) और भाई पर भी एफआईआर दर्ज किया है. उन पर फर्जी दस्तावेज के जरिये आर्म्स का लाइसेंस लेने का आरोप है. साथ ही दूसरों के फर्जी दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड लेने के मामले में भी इनक खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2020 11:24 AM

कानपुर में इस साल जुलाई में हुए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने कानपुर एनकाउंटर में मारे गये गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी और भाई पर भी एफआईआर दर्ज किया है. उन पर फर्जी दस्तावेज के जरिये आर्म्स का लाइसेंस लेने का आरोप है. साथ ही दूसरों के फर्जी दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड लेने के मामले में भी इनक खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

बिकरू कांड की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट की मानें तो पुलिस को यह जानकारी थी कि विकास दुबे (vikas dubey) खूनी खेल खेलने की तैयारी कर रहा है. इसके बावजूद आला अधिकारियों को इस संबंध में नहीं बताया गया. उन्हें पता होता तो शायद दबिश के दौरान और पुख्ता इंतजाम के साथ वहां वे पहुंचते. इसमें मुख्य भूमिका चौबेपुर थाने के पूर्व एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा की रही थी.

कानपुर के बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की जघन्य हत्या मामले की जांच के लिये गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट में पुलिस और मारे गये कुख्यात अपराधी विकास दुबे के बीच सांठगांठ का इशारा किया गया है और इस मामले में 80 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी पिछले दिनों दी है. इसी वर्ष जुलाई माह में हुए बिकरू कांड की जांच के लिये अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के गृह विभाग को सौंप दी है.

एक अधिकारी ने बताया कि एसआईटी ने करीब 3500 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में एसआईटी ने करीब 36 अनुशंसाएं की हैं और दोषी अधिकारियों तथा 80 पुलिसकर्मियों की भूमिकाओं का विस्तार से ब्योरा दिया है.

गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले दिनों बताया कि रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सरकार कार्रवाई करेगी. एसआईटी की रिपोर्ट में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और दुबे के बीच सांठगांठ की बात कही गई है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जांच में यह भी बात सामने आयी है कि पुलिसकर्मी विकास दुबे के लिए मुखबिरी करते थे और घटना की रात विकास को मालुम था कि उसके घर पर पुलिस की छापेमारी होने वाली है.

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राज्य सरकार द्वारा गठित इस एसआईटी में भुसरेड्डी के अलावा अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) हरिराम शर्मा व पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जे.रवींद्र गौड शामिल थे. गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की दरम्यानी रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकडऩे पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें आठ पुलिस कर्मी मारे गये थे. दुबे 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था और 11 जुलाई को एसआईटी का गठन किया गया था.

Posted By : Pawan Singh

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