kapil sibal samajwadi party : कई राज्यों से राज्यसभा जाने की चर्चा में रहे कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनाये गये हैं. झारखंड में चर्चा थी कि झारखंड मुक्ति मोरचा उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी में है. बिहार से भी इसी तरह की खबर आ रही थी कि कपिल सिब्बल राजद की तरफ से राज्यसभा उम्मीदवार हो सकते हैं, वजह लालू परिवार की बढ़ती मुश्किलें थीं. बहरहाल इन सारी चर्चाओं पर अब विराम लग गया है.
कपिल सिब्बल ने कहा है कि मैं अब कांग्रेस का नेता नहीं हूं, मैंने 16 मई को ही त्यागपत्र दे दिया है. मैं पहले भी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा गया था और राज्यसभा में मैं उत्तर प्रदेश की आवाज उठाता रहा हूं. मुझे दूसरी पार्टियों का भी समर्थन प्राप्त है. हमारा लक्ष्य एक मजबूत विपक्ष बनाकर मोदी सरकार की खराब नीतियों को लोगों तक पहुंचाना है. इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से दो और उम्मीदवार हो सकते हैं. आज कपिल सिब्बल ने पर्चा भरा है.
कपिल सिब्बल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है, ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के लिए परचा भरा आइए समझते हैं कपिल सिब्बल का सफर.
कपिल सिब्बल कई मंचों पर कांग्रेस पार्टी को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं, UP, पंजाब समेत 5 राज्यों की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. घर की कांग्रेस नहीं अब सबकी कांग्रेस होगी. कांग्रेस में अध्यक्ष ना होते हुए भी फैसला राहुल गांधी ले रहे हैं, जबकि हार की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता. जाहिर है कांग्रेस नेतृत्व पर उठते सवाल और पार्टी की लगातार हार कपिल के कांग्रेस से दूर होने की एक बड़ी वजह है.
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कपिल सिब्बल के जीवन को समझना चाहेंगे, तो इसकी शुरुआत उनके जन्मस्थान से करनी होगी. कपिल सिब्बल का जन्म 8 अगस्त, 1948 जालंधर, पंजाब में हुआ. इनके पिता का नाम हीरा लाल सिब्बल और माता का नाम कैलाश रानी सिब्बल है. कपिल सिब्बल राजनेता, वकील के साथ- साथ एक कवि के तौर पर भी अपनी पहचान रखते हैं . उनके पिता हीरा लाल सिब्बल एक प्रसिद्ध वकील थे .
कपिल सिब्बल 1964 में दिल्ली आ गए और सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में एमए, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी और 1977 में हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम पास कर लिया. उन्होंने वकील के तौर पर अपने करियर को चुना. 1972 में विधि-वर्ग (बार) जॉइन किया और वर्ष 1983 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में काम करने लगे 1989 और 1990 के बीच भारत के एडीशनल सॉलीसीटर जनरल रहे.
कपिल सिब्बल पहली बार 1998 में राज्यसभा के जरिए राजनीति में आए थे। दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे. राजनीति में उनकी शुरुआत 1996 में कांग्रेस का टिकट ऑफर किया. कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी की सुषमा स्वराज के सामने उन्हें चुनाव में हार गये. 2004 में एक बार फिर दिल्ली की चांदनी चौक से लोकसभा चुनाव लड़ा. इस चुनाव में कपिल सिब्बल ने भाजपा की स्मृति ईरानी को हराकर लोकसभा सांसद बने. इसके बाद कपिल सिब्बल ने साल 2009 में भी यहां से जीत हासिल की.
लोकसभा सांसद बनने के बाद कपिल सिब्बल ने मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली. मनमोहन सिंह की सरकार में कपिल सिब्बल मानव संसाधन विकास मंत्री, सूचना प्रोद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रहे. मनमोहन सरकार के दौरान इनके अलावा भी कपिल सिब्बल ने कई जिम्मेदारियां निभाई. साल 2014 में कपिल सिब्बल कांग्रेस के उन दिग्गज नेताओं में से एक थे, जिन्हें मोदी लहर के कारण हार का सामना करना पड़ा. 2016 में, सिब्बल को तत्कालीन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में यूपी से राज्यसभा के लिए चुना गया था.
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कपिल सिब्बल ने अपने अब तक के करियर में कई बड़े मामलों की पैरवी की है. फिलहाल वे एसपी नेता आजम खान के लिए केस लड़ रहे हैं. कपिल सिब्बल की पैरवी का ही नतीजा है कि हाल ही में आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है. एनसीपी नेता नवाब मलिक के वकील भी कपिल सिब्बल ही हैं उन्होंने मलिक की जमानत का केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ा. हाईकोर्ट से आरजेडी के लालू यादव को भी सिब्बल ने ही चारा घोटाले केस में जमानत दिलाई.