कपिल सिब्बल एक सच्चे कांग्रेसी हैं, उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए कई कानूनी लड़ाइयां लड़ी हैं. एक लोकतांत्रिक पार्टी होने के नाते हमें उनकी बातें सुननी चाहिए चाहे हम उनसे सहमत हों या असहमत. हमें खुद को मजबूत करना है ताकि हम भाजपा का सामना कर पायें. शशि थरूर ने उक्त बातें ट्वीट कर कहीं.
कांग्रेस पार्टी में टकराव की स्थिति तब से बनी है जब पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच ठन गयी. कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सिद्धू ने भी पद त्याग दिया, लेकिन उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है और पार्टी में घमासान जारी है. इस स्थिति से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं और पार्टी के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया है.
That is shameful. We all know @KapilSibal as a true Congressman who has fought multiple cases in court for @INCIndia. As a democratic party we need to listen to what he has to say,disagree if you must but not in this way. Our priority is to strengthen ourselves to take on theBJP! https://t.co/XmtdHapach
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 30, 2021
इसी क्रम में कल कांग्रेस के जी-23 नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह विडंबना है कि आलाकमान के करीबी माने जाने वाले लोग पार्टी छोड़ रहे हैं. सिब्बल ने कहा था कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं है और इसलिए उन्हें नहीं पता कि कौन फैसला लेता है. उन्होंने यह भी कहा कि जी-23 कोई जी हुजूर 23 नहीं है और इसलिए वह सवाल उठाना जारी रखेंगे.
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सिब्बल की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और युवा कांग्रेस के नेताओं ने उनके घर पर हमला भी कर दिया था. सिब्बल के घर पर हमले का कई शीर्ष नेताओं ने विरोध किया और इसे गुंडागर्दी करार दिया था, जिसमें मनीष तिवारी, नटवर सिंह और शशि थरूर सहित गुलाम नबी आजाद भी शामिल हैं.
कांग्रेस में जी 23 नेता वैसे नेताओं का समूह है जिन्होंने सोनिया गांधी को विरोध दर्ज कराते हुए चिट्ठी लिखी है. इस समूह में कई शीर्ष नेता शामिल हैं, जिनमें गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी एवं आनंद शर्मा सहित कई बड़े नेता शामिल हैं.
Posted By : Rajneesh Anand