नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पेगासस के जरिए जासूसी कराने के मामले को लेकर मंगलवार पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को बताना चाहिए कि उन्होंने इसका (पेगासस) का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन उन्होंने न तो स्वीकार ही किया और न ही अस्वीकार. उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि सरकार के तौर पर इसका इस्तेमाल किसने किया और इसकी एजेंसियों ने नहीं. उन्होंने कहा कि मंत्री और सांसद देशवासियों को हकीकत बताना नहीं चाहते, लेकिन इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए.
सिब्बल ने आगे कहा, ‘गृह मंत्री ने इसके क्रोनोलॉजी को समझने के लिए कहा. मैं अमित शाह से कहना चाहता हूं कि आप इसके (पेगासस) के क्रोनोलॉजी समझें कि इसका इस्तेमाल 2017 से 2019 के बीच किया गया था.’ उन्होंने कहा कि इस डेटा को ऐसी एजेंसी को लीक करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, जिसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और हमारे मंत्री कहते हैं कि देश को बदनाम किया जा रहा है. मैं कहना चाहता हूं कि मंत्री जी देश बदनाम नहीं हो रहा है, आपकी वजह से यह सब हो रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इसकी जांच करनी चाहिए और कैमरा के सामने इसकी प्रोसिडिंग होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संसद में एक श्वेत पत्र पेश किया जाना चाहिए और मंत्री को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि सरकार या किसी अन्य एजेंसी ने यहां पेगासस का इस्तेमाल किया है या नहीं.
सिब्बल ने कहा, ‘हमारा संविधान कहता है कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन अगर हमारी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया तो क्या होगा?’ उन्होंने कहा कि यदि यह डेटा अन्य देशों तक पहुंचता है, यदि एनएसओ के प्रौद्योगिकीविदों द्वारा इसे एक्सेस किया जाता है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन जाता है. फिलहाल ये लिस्ट ही आई हैं. संभव है कि आने वाले दिनों में पता चले कि उन्होंने और लोगों को भी इंटरसेप्ट किया है.
Posted by : Vishwat Sen