अमित शाह की मौजूदगी में असम में 1 हजार आतंकियों ने डाले हथियार, जानें क्या है कार्बी आंगलोंग समझौता
Karbi Angong Agreement केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में शनिवार को ऐतिहासिक कार्बी आंलगोंग समझौता पर हस्ताक्षर किए गए. समझौते के बाद अमित शाह ने कहा कि ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौता हुआ है.
Karbi Angong Agreement केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में शनिवार को ऐतिहासिक कार्बी आंलगोंग समझौता पर हस्ताक्षर किए गए. समझौते के बाद अमित शाह ने कहा कि ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौता हुआ है. दिल्ली में आयोजित त्रिपक्षीय कार्बी शांति समझौते पर शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और कार्बी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह दिन निश्चित रूप से असम और कार्बी क्षेत्र के इतिहास में स्वर्णमयी अक्षरों के साथ लिखा जाएगा. आज पांच से अधिक संगठनों के लगभग एक हजार कैडर ने हथियार डालकर मुख्यधारा में आने की शुरुआत की है. अमित शाह ने कहा कि कार्बी आंगलोंग के संबंध में असम सरकार पांच साल में एक क्षेत्र के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. नरेंद्र मोदी सरकार की नीति है कि जो समझौता हम करते हैं, उसकी सभी शर्तों का पालन हम अपने ही समय में पूरा करते हैं.
Delhi: Union Home Minister Amit Shah, minister Sarbananda Sonowal, Assam CM HB Sarma, & representatives of several armed groups attend meeting for signing of Karbi Anglong Agreement
— ANI (@ANI) September 4, 2021
"We hope it will help further development of Karbi Anglong region," says Home Secretary AK Bhalla pic.twitter.com/yGBYmW8hNL
अमित शाह ने कहा कि बोडोलैंड समझौता हो, ब्रू समझौता या एनएलएफटी समझौता, सरकार ने 80 फीसदी से अधिक शर्तों को पूरा किया है. बोडोलैंड समझौते में लगभग सभी शर्तें पूरी की गई हैं. उन्होंने कहा कि मैं पांच संगठनों असम के मुख्यमंत्री के प्रतिनिधियों को आश्वासन देता हूं कि हम कार्बी आंगलोंग क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति विकास का मार्ग प्रशस्त करते हुए, निर्धारित समय सीमा के भीतर समझौते में निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करेंगे.
वहीं, इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में दो आदिवासी समूह बोडो और कार्बी असम से अलग होना चाहते थे. 2009 में बोडो समझौता हुआ और इसने असम की क्षेत्रीय अखंडता को बसाते हुए विकास का नया रास्ता खोला. आज कार्बी समझौता हुआ. इससे कार्बी आंगलोंग इलाके में शांति आएगी. कार्बी भाइयों को विशेष तौर पर जनजातीय लोगों को छठी अनुसूची में आने वाले क्षेत्र में आरक्षण की सुविधा मिलेगी. उनकी भाषाओं के विकास के लिए काम किया जाएगा. क्षेत्र के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये राज्य सरकार और 500 करोड़ रुपये केंद्र सरकार काउंसिल को देगी.
बता दें कि कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समूह है, जो कई गुटों और टुकड़ों से घिरा हुआ है. कार्बी समूह का इतिहास 1980 के दशक के उत्तरार्ध से हत्याओं, जातीय हिंसा, अपहरण और कराधान से जुड़ा रहा है. असम में दो आदिवासी समूह बोडो और कार्बी असम से अलग होना चाहते थे. 2009 में बोडो समझौता हुआ और इसने असम की क्षेत्रीय अखंडता को बसाते हुए विकास का नया रास्ता खोला. आज कार्बी समझौता हुआ. इससे कार्बी आंगलोंग इलाके में शांति आएगी. नए समझौते के तहत, पहाड़ी जनजाति के लोग भारतीय संविधान की अनुसूची 6 के तहत आरक्षण के हकदार होंगे. इसीलिए असम के लिए ये ऐतिहासिक दिन है.
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