Activist Nodeep Kaur News लेबर एक्टिविस्ट नवदीप कौर को रिहा कर दिया गया है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को नवदीप कौर को जमानत दे दी. करीब छह सप्ताह पहले नवदीप कौर को हत्या के प्रयास सहित कई आरोपों में एक आपराधिक मामला दर्ज किये जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. नवदीप कौर को गत 12 जनवरी को हरियाणा के सोनीपत जिले में एक औद्योगिक इकाई का कथित तौर पर घेराव करने और एक कंपनी से धनराशि की मांग करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था.
Karnal: Labour rights activist Nodeep Kaur released from prison after Punjab and Haryana High Court granted her bail earlier today pic.twitter.com/p9Is9mNqjS
— ANI (@ANI) February 26, 2021
पुलिस ने दावा किया था कि पुलिस की एक टीम पर कथित तौर पर डंडों से हमला किया गया था जिससे सात पुलिसकर्मियों को चोटें आयी थीं. भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 384, 148, 353 और 379 बी सहित कई धाराओं के तहत सोनीपत पुलिस द्वारा एक मामला दर्ज किया गया था. शुक्रवार को कौर की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन ने कहा कि आईपीसी की धारा 307, 332, 353 और 379-बी लागू करने का मुद्दा एक बहस का मुद्दा होगा जिस पर सुनवायी के दौरान बाद में विचार किया जाएगा.
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, कहना पर्याप्त होगा कि याचिकाकर्ता यह सुनिश्चित करने के लिए जमानत पर रहकर संयम बनाए रखेंगी कि उनके कार्यों के कारण कानून और व्यवस्था का कोई मुद्दा उत्पन्न नहीं हो. एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि अनीता ठाकुर और अन्य बनाम जम्मू कश्मीर सरकार और अन्य के मामले 2016, में उच्चतम न्यायालय का मानना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार एक अधिकार है जिसका पता मौलिक अधिकार से चलता है लेकिन यह अधिकार उचित पाबंदियों के अधीन है.
आदेश के अनुसार, इस अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री को देखते हुए, भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 332, 353 और 379-बी लागू करने संबंधी मुद्दा एक बहस का मुद्दा होगा और इस पर सुनवायी के दौरान विचार किया जाएगा. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता 12 फरवरी से हिरासत में है. इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन वह खुद याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं होगा.
कौर के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा कि अदालत ने नवदीव कौर की जमानत याचिका स्वीकार कर ली. उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी है. इस बीच एक मेडिकल जांच रिपोर्ट के अनुसार, जिसे शुक्रवार को उच्च न्यायालय के समक्ष रखा गया था, कौर के शरीर पर चोट के निशान हैं. अदालत ने 24 फरवरी को हरियाणा राज्य को कौर की मेडिकल रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया था. सोनीपत की एक अदालत के आदेश पर 25 जनवरी को सोनीपत के सिविल अस्पताल में कौर का मेडिकल परीक्षण किया गया था.
23 वर्षीय कार्यकर्ता ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उन्हें 12 जनवरी को सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद एक पुलिस थाने में गंभीर रूप से पीटा गया था. हरियाणा पुलिस ने हालांकि आरोप को निराधार बताया था. नवदीप कौर ने यह भी दावा किया था कि उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के तौर पर झूठे ही फंसाया गया. कार्यकर्ता ने यह भी दावा किया था कि उन्हें मामले में इसलिए झूठे ही फंसाया गया क्योंकि वह केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन लिए भारी समर्थन जुटाने में सफल रही थी.
कौर हरियाणा की करनाल जेल में बंद हैं. वह मजदूर अधिकार संगठन की एक सदस्य हैं और पंजाब के मुक्तसर जिले के गिदड़ गांव की निवासी है. 24 फरवरी को उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवायी शुक्रवार को करना निर्धारित की थी. इससे पहले, सोनीपत की एक अदालत ने उगाही, दंगा करने और अन्य आरोपों के दो अलग मामलों में कौर को जमानत दे दी थी. इस बीच कौर के परिवार ने कार्यकर्ता को जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की है.
नवदीप कौर की बहन राजवीर कौर ने कहा कि उनका परिवार खुश है कि अब उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा. राजवीर कौर ने कहा कि उन्हें जेल में डेढ़ महीना बिताना पड़ा. उन्होंने कहा कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नवदीप कौर को जेल से रिहा किया जाएगा. नवदीप की मां स्वर्णजीत कौर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि नवदीप कौर को जमानत मिल गई है. उन्होंने कहा कि उनकी पुत्री जब जेल में थी तब वह उससे मिल नहीं पायी थीं. (इनपुट : भाषा)
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