कर्नाटक में फिर गरमायी सियासत, विधानसभा से बीजेपी के 10 विधायक निलंबित, हिरासत में पूर्व सीएम बोम्मई

कर्नाटक विधानसभा में हंगामा हो गया. बीजेपी के 10 विधायकों को निलंबित करने के बाद पार्टी ने विधानसभा के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है. इधर, पुलिस ने प्रदेश के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई को हिरासत में ले लिया है. बता दें, सदन के दौरान बीजेपी विधायकों ने विधेयकों और एजेंडे की प्रतियां फाड़ दीं थी.

By Pritish Sahay | July 19, 2023 7:37 PM
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Karnataka News: कर्नाटक में सियासत एक बार फिर गरमा गयी है. सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. दरअसल, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यूटी कादर ने आज यानी बुधवार को सदन में अशोभनीय और अपमानजनक आचरण के लिए भारतीय जनता पार्टी के 10 विधायकों को विधानसभा के शेष सत्र से निलंबित कर दिया है. इस घटना के बाद बीजेपी की ओर से जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी कड़ी में प्रदेश की विपक्षी दल बीजेपी और जद(एस) ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यूटी कादर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को दिया है.

बीजेपी के 10 विधायक हुए निलंबित
बता दें, कर्नाटक में विधानसभा में हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी विधायकों के खिलाफ यह कार्रवाई की. दरअसल, सदन के दौरान बीजेपी विधायकों ने विधेयकों और एजेंडे की प्रतियां फाड़ दीं और उन्हें अध्यक्ष के आसन की ओर फेंक दिया. बताया जा रही है कि बीजेपी विधायक इस कारण नाराज थे. निलंबित विधायक दोपहर के भोजन के अवकाश के बिना सदन की कार्यवाही संचालित करने के कादर के फैसले से नाराज थे.

लोकतंत्र के लिए आज काला दिन- बसवराज
बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने विधानसभा से 10 बीजेपी विधायकों के निलंबन पर कहा है कि आज विधानसभा में लोकतंत्र की हत्या हुई है. यह कांग्रेस सरकार की तानाशाही को दर्शाता है, उन्होंने हमारे 10 विधायकों को बिना किसी कारण के निलंबित कर दिया है. हमने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जारी किया है. हम इस लड़ाई को लोगों तक ले जाएंगे. पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है. 10 बीजेपी विधायकों को उनके छोटे से आंदोलन के लिए निलंबित कर दिया गया है. हम निलंबित विधायकों के अधिकार के लिए लड़ेंगे.

जारी रहेगी लड़ाई- बोम्मई
विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष और आसन पर कागज फेंकने के आरोप में 10 भाजपा विधायकों को इस सत्र के लिए निलंबित करने के मामले पर बीजेपी बिफर गई है. विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन किया. इधर, कर्नाटक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई समेत अन्य नेताओं को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

कैसे हुआ आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति- एचडी कुमारस्वामी
10 भाजपा विधायकों के निलंबन पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक निजी राजनीतिक कार्यक्रम में उनकी मेजबानी के लिए कर्नाटक सरकार की ओर से आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया था. ऐसा देश में किसी सरकार की ओर से पहली बार किया गया है. उनकी नियुक्ति कैसे हुई? यह मुद्दा बीजेपी ने उठाया था, अगर कांग्रेस इस पर प्रतिक्रिया दी होती, तो पूरा मुद्दा खत्म हो गया होता.


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ध्वनि मत के आधार पर किया गया निलंबित
बता दें, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं 10 विधायकों नाम उनके अशोभनीय और असम्मानजनक आचरण के कारण ले रहा हूं. इसके बाद कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि सदन उनकी पीड़ा पर कदम उठाएगा. पाटिल ने कहा कि मैं यह प्रस्ताव पेश कर रहा हूं, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कर्नाटक विधानसभा नियमावली की धारा 348 के तहत इन सदस्यों को उनके अशोभनीय और अपमानजनक आचरण के लिए शेष सत्र तक विधानसभा से निलंबित करना चाहिए और सदन में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए. जिसके बाद विस अध्यक्ष कादर ने कहा, बेहद पीड़ा के साथ मैं इस प्रस्ताव को वोटिंग के लिए रख रहा हूं. ध्वनि मत के आधार पर 10 सदस्यों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया.

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किन विधायकों को किया गया निलंबित
विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के जिन 10 विधायकों को निलंबित किया है वे हैं डॉ सीएन अश्वथ नारायण, वी सुनील कुमार, आर अशोक, अरागा ज्ञानेंद्र, डी वेदव्यास कामथ, यशपाल सुवर्ण, धीरज मुनिराज, ए उमानाथ कोटियन, अरविंद बेलाड और वाई भरत शेट्टी. बता दें, विधानसभा सत्र तीन जुलाई को शुरू हुआ और 21 जुलाई को खत्म होने वाला है.

भाषा इनपुट के साथ

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