आज दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक के लिए आज काफी अहम दिन है. आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आने वाले हैं. उम्मीद है की आज दोपहर तक कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी ये साफ हो जाएगा. कर्नाटक में चुनाव लड़ रहीं तीन पार्टियों के चार प्रमुख नेता सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार, कुमारस्वामी और बोम्मई इन्हीं चार नेताओं में किसी एक की ताजपोशी होनी है, अगर इनकी पार्टियां चुनाव जीतने में सफल होती हैं. जहां सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार कांग्रेस के प्रमुख चेहरे हैं, वहीं कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई एक बार फिर से ताल ठोक रहे हैं. वहीं जेडीएस के कुमारस्वामी किंग मेकर की भूमिका निभाना चाहते हैं.
अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस नेता सिद्धारमैया सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. वे 2013 से 2018 तक राज्य में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं. अगर पार्टी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नंबर पा लेती है तो एक बार फिर वे सीएम पद की पसंद हो सकते हैं. 76 साल के सिद्धारमैया की उम्र और पिछली सरकार के लिए कुछ फैसले उनके खिलाफ भी जा सकते हैं, जिसने हिंदू और लिंगायत समुदाय के बीच उनकी लोकप्रियता घटा दी थी. इनमें टीपू सुल्तान का महिमामंडन करना और पीएफआई और एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं की रिहाई शामिल थी.
वहीं अगर बात करें डीके शिवकुमार की तो वो कर्नाटक में कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं. कनकपुरा सीट से लगातार 8 बार के विधायक डीके शिवकुमार की दावेदारी भी काफी मजबूत है. राज्य में कांग्रेस के सबसे धनवान नेता डीके शिवकुमार को तारणहार के रूप में देखा जाता है. वे लंबे समय से सीएम बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन हर बार हाथ से मौका निकल जाता है.
वहीं अगर बीजेपी की सरकार बनी तो वर्तमान सीएम बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार हैं. लिंगायत समुदाय से आने वाले बोम्मई को इसी समुदाय के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा की जगह पद सौंपा गया था. कहा जाता है कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही उन्हें येदियुरप्पा का भी समर्थन हासिल है. चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उनके ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा हमला बोला था और उनकी सरकार को 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार कहा था.
बात करें अगर कुमारस्वामी की तो हालांकि, किसी भी एग्जिट पोल में जेडीएस को बहुत सीटें मिलती नहीं दिखाई गई हैं, लेकिन कम सीटों के साथ ही जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को सीएम बनने का हुनर बखूबी आता है. अगर त्रिशंकु विधानसभा बनती है तो एक बार फिर वह सीएम बनने के सबसे बड़े दावेदार होंगे. मतगणना के एक दिन पहले ही उन्होंने इसके लिए दांव भी चल दिया है. उन्होंने कहा है कि जेडीएस सरकार बनाने के लिए कांग्रेस या बीजेपी के साथ जा सकती है, बशर्ते वह पार्टी उनकी शर्त मानें. यह शर्त है सीएम पद पर उनकी ताजपोशी. इसके पहले 2018 के चुनाव में कम सीटों आने के बावजूद वह कांग्रेस के साथ सरकार में मुख्यमंत्री का पद ले गए
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