कर्नाटक मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण विरोधी कानून को निरस्त किया, विधानसभा के अगले सत्र में पेश होगा विधेयक

धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के लिए अब राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लायेगी. ज्ञात हो कि विधानसभा का अगला सत्र आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रहा है.

By Rajneesh Anand | June 15, 2023 5:57 PM
an image

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने आज भाजपा के शासनकाल में लाये गये एंटी कन्वर्जन लाॅ को निरस्त कर दिया है. भाजपा के शासनकाल के दौरान लाया गया धर्मांतरण रोधी कानून बहुत ही विवादास्पद था जिसे आज कैबिनेट की बैठक के बाद निरस्त करने का फैसला किया गया.

3 जुलाई से शुरू हो रहा है विधानसभा का अगला सत्र

धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के लिए अब राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लायेगी. ज्ञात हो कि विधानसभा का अगला सत्र आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रहा है. प्रदेश के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की और इसे निरस्त करने का फैसला लिया.

कानून में पांच साल की सजा का है प्रावधान

ज्ञात हो कि भाजपा सरकार ने कर्नाटक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, 2021 या धर्मांतरण विरोधी विधेयक पिछले साल सितंबर में कर्नाटक विधान परिषद से पारित कराया था. यह विधेयक गलत बयानी, जबरदस्ती, धोखाधड़ी, लालच या शादी के माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण पर रोक लगाता है. दोषी पाये जाने पर तीन से पांच वर्ष के जेल की सजा और 25,000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया था.

कई अन्य राज्यों ने भी धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाये हैं

ज्ञात हो कि कर्नाटक के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों ने भी धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करने वाले कानून पारित किये हैं.कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून के तहत पहला मामला पिछले साल अक्तूबर में दर्ज कराया था. जिसमें एक 24 साल के मुस्लिम युवक पर एक हिंदू महिला से शादी करके उसका धर्मांतरण कराने का आरोप लगा था. दूसरा मामला नवंबर में दर्ज किया गया, जिसमें एक युवक पर मध्यप्रदेश की महिला को प्रताड़ित करने का आरोप था.

Also Read: Pocso Act में मौत की सजा, जुर्माना भी संभव, दिल्ली पुलिस की चार्टशीट के बाद बृजभूषण सिंह को मिल सकती है राहत

Exit mobile version