हेलिकॉप्टर क्रैश में जीवित बचे कैप्टन वरुण सिंह से मिले कर्नाटक के सीएम, बोले- मिल रहा बेहतरीन इलाज
कर्नाटक के CM बसवराज बोम्मई शुक्रवार को बेंगलुरु के कमांड अस्पताल पहुंचे और हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह से मुलाकात की. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम बसवराज बोम्मई ने कैप्टन वरुण सिंह से मुलाकात के बाद बताया कि उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों से बेहतरीन इलाज मिल रहा है.
Helicopter Crash कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शुक्रवार को बेंगलुरु के कमांड अस्पताल पहुंचे और हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह से मुलाकात की. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम बसवराज बोम्मई ने कैप्टन वरुण सिंह से मुलाकात के बाद बताया कि उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों से बेहतरीन इलाज मिल रहा है. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
बता दें कि हेलिकॉप्टर हादसे के इकलौते सर्वाइवर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को आगे के इलाज के लिए बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया गया है. वह तमिलनाडु के वेलिंगटन में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे. अब उन्हें एयर एंबुलेंस से बेंगलुरु लाया गया है. आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई और उपराज्यपाल थावरचंद गहलोत उनके स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे.
I visited Captain Varun Singh, the survivor of the helicopter crash (in Tamil Nadu), at the Command Hospital in Bengaluru. He is getting the best medical treatment from specialist doctors. I pray for his speedy recovery: Karnataka Chief Minister Basavaraj Bommai, in Haveri pic.twitter.com/vaHwsFn1BC
— ANI (@ANI) December 10, 2021
भारतीय वायु सेना के दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में कुल चौदह लोग सवार थे, जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की जान चली गई. इस भयानक हादसे में इकलौते जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के लिए अगले 48 घंटे बहुत क्रिटिकल हैं. वरुण सिंह के चाचा और यूपी में कांग्रेस के प्रमुख नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि कल उनका लंबा ऑपरेशन हुआ है.
इन सबके बीच, तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का एक खत चर्चा में है. यह खत सोशल मीडिया पर भी काफी तेजी से वायरल हो रहे है. दरअसल, अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे इस खत में उन्होंने छात्रों को कहा कि औसत दर्जे का होना ठीक होता है. स्कूल में हर कोई उत्कृष्ट नहीं होता और सभी 90 प्रतिशत अंक नहीं ला पाते.
अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह एक उपलब्धि है. उसकी सराहना होनी चाहिए. लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाते तो यह मत सोचिये कि आप औसत दर्जे का होने के लिए बने हैं. हो सकता है कि आप अपने स्कूल में औसत दर्जे के छात्र हो, लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होगी. स्कूल के नंबर से आप अपना भविष्य नहीं देख सकतें.
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