कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है. कांग्रेस अपना पूरा जोर चुनाव जीतने में लगा रही है. भाजपा भी अपना गढ़ बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इस बीच अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjuna Khadage) का इंटरव्यू प्रकाशित किया है. इस इंटरव्यू में कांग्रेस अध्यक्ष ने कई सवालों के जवाब दिये हैं.
जब मल्लिकार्जुन खरगे से सवाल किया गया कि कर्नाटक में ऐसे समय चुनाव हो रहे हैं जब आप एआईसीसी अध्यक्ष चुने गये हैं. राज्य इकाई इसे क्यों नहीं भुना रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं चुनाव लड़ने में विश्वास नहीं रखता, क्योंकि इसे चापलूसी की श्रेणी लिया जाता है. जैसा कि अम्बेडकर ने कहा था, राजनीति में भक्ति या किसी एक शख्स की पूजा…तानाशाही को जन्म देती है जिसका पतन होना तय है. मैं सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करता हूं. साथ ही कुछ लोग इसे खरगे vs मोदी के रूप में पेश करना चाहते हैं जो गलत है.
उन्होंने कहा कि मैं मोदी के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं. मैं उस विचारधारा के खिलाफ लड़ रहा हूं जिसका वह समर्थन करते हैं. यह चुनाव और अगले साल का लोकसभा चुनाव विचारधाराओं की लड़ाई होगी.
जब कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से सवाल किया गया कि कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस की क्या संभानाएं हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष ने जवाब दिया कि प्रदेश के मतदाताओं का रुझान कांग्रेस पार्टी की ओर नजर आ रहा है क्योंकि हम जन भावनाओं की बात कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार पर…मोदी और शाह इस मुद्दे पर चुप हैं जबकि मामले को लेकर सिविल ठेकेदारों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और 40% किक बैक के बारे में जानकारी दी है. कांग्रेस बहुमत लाने का प्रयास कर रही है लेकिन हम बड़े अंतर से यह चुनाव जीतना चाहते हैं.
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमें 150 सीट जीतना ही होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव परिणाम के बाद ऑपरेशन लोटस का खतरा परेशान ना करे. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद भाजपा तोड़-जोड़ की राजनीति करती है. जैसा उन्होंने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया. भाजपा के पास पैसा और पुलिस दोनों है.