Karnataka Polls 2023: आयी कांग्रेस की पांचवीं सूची, देखें पार्टी ने किसे कहां से उतारा मैदान में
Karnataka Polls 2023: पांचवीं सूची जारी होने के बाद कांग्रेस ने अब सभी 224 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. जानें चुनाव क्यों है इस बार खास
Karnataka Polls 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के पहले सरगर्मी तेज हो चली है. इस बीच पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहीं हैं. इस बीच 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को अपने पांच उम्मीदवारों की छठी और अंतिम सूची जारी की है. सूची पर नजर डालें तो, रायचूर विधानसभा क्षेत्र से मोहम्मद सलाम, सिदलघट्टा से बी.वी. राजीव गौड़ा, सीवी रमन नगर से एस. आनंद कुमार, अरकालगुड से एच.पी. श्रीधर गौड़ा और मैंगलुरु शहर (उत्तर) से इनायत अली को उम्मीदवार बनाया गया है.
यहां चर्चा कर दें कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 24 अप्रैल है. वहीं, मतदान 10 मई को होगा जबकि मतगणना 13 मई को होगी. कांग्रेस ने बुधवार शाम चार और उम्मीदावर घोषित किये थे, जिनमें यासिर अहमद खान पठान का नाम भी शामिल है. पठान को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है. मुख्यमंत्री के खिलाफ पहले मोहम्मद यूसुफ सवानूर को टिकट दिया गया था. सवानूर के स्थान पर पठान को चुनावी मैदान में उतारा गया.
‘लिंगायत’ वोट पर भाजपा की नजर
पांचवीं सूची जारी होने के बाद कांग्रेस ने अब सभी 224 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. इधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिंगायत नेताओं ने सत्तारूढ़ पार्टी को ‘लिंगायत विरोधी’ करार देने के कांग्रेस के दावे का जवाब देने के लिए चुनावी राज्य कर्नाटक में ‘लिंगायत मुख्यमंत्री’ अभियान शुरू करने की वकालत की है. उल्लेखनीय है कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत है. इस समुदाय के ज्यादातर लोग राज्य के उत्तरी हिस्सों में हैं. भाजपा इन्हें अपने मजबूत समर्थक वर्ग के रूप में देखती है.
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जगदीश शेट्टार ने छोड़ा भाजपा का दामन
गौर हो कि वरिष्ठ लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गये. कांग्रेस तभी से भाजपा पर लिंगायतों के साथ ‘अन्याय’ करने और उसके ‘लिंगायत विरोधी’ होने के आरोप लगा रही है. इसके मद्देनजर, सत्तारूढ़ पार्टी नुकसान से भरपाई की कोशिशों में जुट गई है.
भाषा इनपुट के साथ