karnataka election 2023 : बजरंग दल के नाम पर कर्नाटक की राजनीति में बवाल मचा हुआ है. जी हां…भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की एक प्रति जलाई और कर्नाटक में सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करने को लेकर विपक्षी दल को आड़े हाथ भी लिया. बजरंग दल को एक ‘देशभक्त संगठन’ बताते हुए, पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया कि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करने की उनकी (कांग्रेस की) हिम्मत कैसे हुई…
आपको बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा है कि हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.
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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ईश्वरप्पा ने इसे ‘‘(पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की) मुस्लिम लीग का घोषणापत्र’’ करार दिया. पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार और सिद्धरमैया पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमें पहले इन दोनों नेताओं को गिरफ्तार करना चाहिए. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि डी के शिवकुमार (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) कहते हैं कि पूरा वोक्कालिगा समुदाय उनके पीछे है और वह मुख्यमंत्री बनेंगे. सिद्धरमैया कहते हैं कि पूरी पिछड़ी जाति उनके साथ हैं और वह मुख्यमंत्री बनेंगे.
भाषा इनपुट के साथ