कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में 50 से 75% कन्नड़ लोगों के आरक्षण को दी मंजूरी, उद्योग जगत नाराज

Karnataka Reservation Bill : कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने प्राइवेट कंपनियों में रिजर्वेशन से संबंधित बिल के बारे में सोशल मीडिया में जानकारी दी थी, लेकिन उद्योग जगत की प्रतिक्रिया के बाद उसे डिलीट कर दिया.

By Rajneesh Anand | July 17, 2024 2:48 PM
an image

Karnataka Reservation Bill : कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने निजी क्षेत्र के संस्थानों में कन्नड़ लोगों को नौकरी देने के लिए आरक्षण अनिवार्य करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. मंत्रिमंडल ने जिस विधेयक को मंजूरी दी है उसमें ग्रुप ए और बी के पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय लोगों को दिए जाने की व्यवस्था है, जबकि ग्रुप सी और डी के पद पर 75 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की गई है. कैबिनेट के इस फैसले से उद्योग जगत से भारी प्रतिक्रिया आ रही है.

सीएम सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट किया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने एक्स हैंडल पर इस संबंध में सूचना दी थी, लेकिन उद्योग जगत की प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने पोस्ट को डिलीट कर दिया. सिद्धारमैया ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि उनकी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ लोगों को अपने राज्य में आरामदायक जीवन जीने का अवसर दिया जाए और उन्हें अपनी ही धरती पर नौकरियों से वंचित ना किया जाए. सरकार के इस फैसले की उद्योग जगत ने कड़ी निंदा की है, जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया है कि वे उद्योग जगत के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद ही इस विषय पर कोई फैसला करेंगे.

Also Read : कश्मीरी पंडितों की घर वापसी से जुड़े हैं जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के तार, जानें अंदरखाने की बात

Jharkhand Naxal News: सारंडा में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़

घबराने की जरूरत नहीं, विचार के बाद होगा फैसला: प्रियांक खरगे

प्रदेश के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा है कि कन्नड़ लोगों को निजी क्षेत्र में आरक्षण देने से संबंधित विधेयक श्रम विभाग द्वारा लाया गया है. इस विधेयक पर अभी उद्योग, उद्योग मंत्री और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से परामर्श करना बाकी है. जब सभी संबंधित पक्षों से बातचीत हो जाएगी तभी यह विधेयक लागू किया जाएगा. खरगे ने कहा कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. संभावना जताई जा रही है कि यह विधेयक गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा.

किरण मजूमदार शॉ ने जताया विरोध

बायोकॉन लिमिटेड की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने बुधवार को सरकार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि निजी कंपनियों में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण अनिवार्य करने के विधेयक में उच्च कौशल वाली भर्ती को शामिल नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में प्रदेश की जो स्थिति है उससे समझौता नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया -हमें स्किल्ड पर्सन की आवश्यकता है, क्योंकि टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में हम अपनी अग्रणी स्थिति को प्रभावित नहीं कर सकते हैं. हमारा उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार देना है, जो अच्छा है, लेकिन इसकी कीमत हम टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में पिछड़ कर नहीं अदा कर सकते हैं. मजूमदार-शॉ ने कहा, शर्तें होनी चाहिए जो उच्च कौशल वाली भर्ती को इस नीति से छूट प्रदान करें.

Exit mobile version