7th Pay Commission नहीं हुआ लागू, 1 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे कर्नाटक के सरकारी कर्मचारी
7th Pay Commission: कर्नाटक सरकार कर्मचारी संघ ने कहा है कि सातवें वेतन आयोग को लागू करने की उनकी मांग पूरी नहीं होने पर सभी सरकारी कर्मचारियों ने ड्यूटी पर नहीं जाने और राज्यभर में विरोध शुरू करने का फैसला किया है.
7th Pay Commission: कर्नाटक सरकार कर्मचारी संघ ने घोषणा की है कि सातवें वेतन आयोग को लागू करने की उनकी मांग पूरी नहीं होने पर राज्य में 1 मार्च से सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. संघ के अध्यक्ष सीएस शदाक्षरी ने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों ने ड्यूटी पर नहीं जाने और राज्यभर में विरोध शुरू करने का फैसला किया है.
सभी सरकारी कर्मचारी राज्यभर में करेंगे विरोध प्रदर्शन
बताया जा रहा है कि संघ की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर्नाटक में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के लिए एक झटका हो सकती है. संघ के अध्यक्ष सीएस शदाक्षरी ने कहा कि अगर मांग नहीं मानी गई तो सभी सरकारी कर्मचारी राज्यभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने से भी दूर रहेंगे. शिमोगा में पत्रकारों से बात करते हुए शदाक्षरी ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकारी कर्मचारियों की मांगों पर आंखें मूंद रखी थीं. सीएम बोम्मई के व्यवहार से कर्नाटक सरकार के नौ लाख कर्मचारियों को दुख पहुंचा है.
आदेश जारी नहीं होने पर जारी रहेगा विरोध
कर्नाटक सरकार कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि सरकारी कर्मचारी स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और अन्य सरकारी संस्थानों में अपने कर्तव्यों से दूर रहकर विरोध में भाग लेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विरोध तभी समाप्त होगा जब सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए अंतरिम आदेश जारी करेगी. शदाक्षरी ने कहा कि अगर आदेश जारी नहीं होते हैं तो विरोध जारी रहेगा.
जानिए क्या हैं राज्य सरकार के कर्मचारियों की मांगें
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक (karnataka) में सरकारी कर्मचारी उम्मीद कर रहे थे कि बोम्मई सरकार सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन की घोषणा करेगी. मुख्यमंत्री बोम्मई ने अपने बजट भाषण में सातवें वेतन आयोग का कोई जिक्र नहीं किया, जिससे सरकारी कर्मचारियों को झटका लगा है. कर्नाटक सरकार के कर्मचारियों ने तीन प्रमुख मांगें की हैं, जिनमें राज्य में सातवें वेतन आयोग को लागू करना, पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करना और कम से कम 40 फीसदी फिटमेंट सुविधाओं को लागू करना शामिल है.