कर्नाटक हाईकोर्ट से जेपी नड्डा को बड़ी राहत, आचार संहिता उल्लंघन मामले की जांच पर लगाई रोक
कर्नाटक चुनाव के दौरान नड्डा ने कथित तौर पर कहा था कि अगर भाजपा चुनाव हार जाती है तो मतदाता केंद्र सरकार द्वारा लायी गयी योजनाओं से वंचित हो जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस सत्ता में आती है तो किसान सम्मान निधि समेत केंद्र की कई परियोजनाएं बंद हो जाएगी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ दर्ज आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले की जांच पर रोक लगा दी है.
नड्डा मामले में अगली सुनवाई 21 जुलाई को
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्न की एकल पीठ ने नड्डा की उनके खिलाफ दायर मुकदमे को रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई की और शुक्रवार को जांच पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश दिया. अदालत ने याचिका पर सुनवाई 21 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी.
क्या है मामला
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सात मई 2023 को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान विजयनगर जिले में हरपनहल्ली शहर के आईबी सर्किल में भाजपा की एक चुनावी रैली की थी. रैली में नड्डा ने कथित तौर पर कहा था कि अगर भाजपा चुनाव हार जाती है तो मतदाता केंद्र सरकार द्वारा लायी गयी योजनाओं से वंचित हो जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस सत्ता में आती है तो किसान सम्मान निधि समेत केंद्र की कई परियोजनाएं बंद हो जाएगी.
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नड्डा पर वोटरों को प्रलोभन देने और धमकाने का लगाया गया आरोप
निर्वाचन सतर्कता प्रभाग के अधिकारियों ने हरपनहल्ली पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी कि भाषण मतदाताओं को प्रलोभन देने और उन्हें धमकाने के लहजे में दिया गया था. उसने यह भी कहा कि नड्डा का भाषण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. नड्डा ने मामले की जांच रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.