Karnataka Hijab Row: कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार तक टली, जानें क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई 7 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया.
कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. जिसमें सोमवार को शीर्ष कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई 7 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगायी थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब मामले की सुनवाई टालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगायी थी. उच्चतम न्यायालय ने पाया कि मामले में याचिकाकर्ताओं ने बार-बार जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था और अब जब इन याचिकाओं को सूचीबद्ध किया गया है, तो स्थगन का अनुरोध करते हुए एक पत्र वितरित किया गया है. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, यह स्वीकार्य नहीं है. आपने पहले जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था और अब जब इसे सूचीबद्ध कर दिया गया है तो आप इसका (स्थगन का) अनुरोध कर रहे हैं. पीठ ने कहा, हम इस तरह की अनुमति नहीं देंगे.
Supreme Court adjourns for Wednesday, September 7th, the hearing on various pleas against Karnataka High Court's judgement upholding the ban on Hijab in educational institutions. https://t.co/SV7vYDXODu
— ANI (@ANI) September 5, 2022
हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को नोटिस जारी किया था
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर लगा प्रतिबंध हटाने से इनकार करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत इस तरह की अनुमति नहीं देगी. शीर्ष अदालत ने याचिकाओं पर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया था.
क्या है मामला
कर्नाटक उच्च न्यायालय के 15 मार्च के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें कहा गया है कि हिजाब पहनना आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है जिसे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित किया जा सकता है. उच्च न्यायालय ने उडुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्या सुनाया था फैसला
उच्च न्यायालय ने कहा था कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं. एक याचिकाकर्ता ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने इस बात पर गौर नहीं किया कि हिजाब पहनने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार के दायरे में आता है. उच्च न्यायालय के इसी आदेश के आधार पर कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली पोशाक के पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मुस्लिम लड़कियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. राज्य सरकार के पांच फरवरी के आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में दलील दी थी कि सिर पर दुपट्टा लेना या हिजाब पहनना आस्था का मामला है और एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है, न कि यह धार्मिक कट्टरता का प्रदर्शन है.